Farmers News : फसल अवशेष व पराली जलाने को लेकर प्रशासन सख्त है और जिला प्रशासन द्वारा पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
पलवल के उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ बताया कि पराली जलाने के मामलों में अब तक 4 किसानों पर 10000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है, जिनमें गांव कोंडल के किसान अमर सिंह व किसान जयराम, गांव लिखी के किसान जितेंद्र व गांव फास्टकोनगर के किसान नानकचंद शामिल हैं जिन पर पराली जलाने पर 2500-2500 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ आह्नान किया कि किसानों को फसल अवशेष विशेषकर पराली को जलाने या नष्ट करने की बजाए उसका सदुपयोग करना चाहिए। किसान फसल कटाई के उपरांत बचे फसल अवशेष से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक कृषि के तकनीकी युग में अब फसल अवशेष कमाई का साधन है और बहुत से किसान व लोग अब फसलों के अवशेष से अच्छी कमाई कर रहे हैं। ऐसे में किसान फसल अवशेष प्रबंधन करके अपनी आर्थिक स्थिति को और अधिक मजबूत कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जाए।
फसल अवशेष व पराली जलाने पर लगाया गया है प्रतिबंध
जिलाधीश डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग करते हुए जिला पलवल में धान की कटाई के उपरांत फसल अवशेष व पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली द्वारा भी फसल अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति आदेश की अवहेलना करते हुए पाया जाता है तो वह बीएनएस की धारा 223 संपठित वायु बचाव एवं प्रदूषण नियंत्रण 1981 के तहत दंड का भागीदार होगा। उन्होंने बताया कि दो एकड़ तक भूमि रकबा में फसल अवशेष जलाने पर 2500 रुपए व तथा 5 एकड़ रकबा में फसल अवशेष जलाने पर 5000 रुपए और पांच एकड़ से अधिक रकबा जमीन पर फसल अवशेष जलाने पर 15000 रुपए जुर्माने का प्रावधान है।