हरियाणा की सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा घोषित प्रतिष्ठित छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार, 2024 में हरियाणा को ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य (तृतीय स्थान)‘ के रूप में मान्यता दी गई है, जो एकीकृत और सतत जल प्रबंधन में राज्य की अनुकरणीय उपलब्धियों को रेखांकित करता है।
सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री ने कहा कि 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार, 2024 का नामांकन सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, हरियाणा द्वारा फरवरी, 2025 में प्रस्तुत किया गया था, जिसकी जल शक्ति मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय भूजल बोर्ड के अधिकारियों वाली ग्राउंड ट्रुथिंग टीम द्वारा जून, 2025 में जांच की गई थी। राज्य द्वारा प्रस्तुत ग्राउंड ट्रुथिंग रिपोर्ट और पुरस्कार आवेदन के आधार पर पुरस्कार को अंतिम रूप देने वाली समिति ने हरियाणा को तीसरे सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में नामित किया।
उन्होंने कहा कि हरियाणा की सफलता इसके एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन दृष्टिकोण और उसके बाद एकीकृत जल संसाधन कार्य योजना 2023-25 के कार्यान्वयन से प्रेरित है, जिसने वैज्ञानिक, डेटा-संचालित और भागीदारी दृष्टिकोण के माध्यम से लगभग 5.80 बीसीएम पानी का संरक्षण करते हुए अपने जल-बचत लक्ष्य का लगभग 84 प्रतिशत हासिल किया। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा 18 नवंबर, 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान प्रदान किया जाएगा।
मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि जेएलएन फीडर नहर के पुनरुद्धार जैसी परियोजनाओं के माध्यम से हरियाणा ने सिंचाई क्षमता में 50,000 हेक्टेयर तक विस्तार किया है, रिसाव हानि को 90 प्रतिशत तक कम किया है तथा सिंचाई तीव्रता को 40 प्रतिशत से 85 प्रतिशत तक बढ़ाया है, जिससे कृषि जल सुरक्षा मजबूत हुई है।

