किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए पंजाब सरकार ने डायलिसिस जैसी महत्वपूर्ण सुविधा केवल बड़े शहरों तक सीमित न रहे, बल्कि राज्य के दूर-दराज के इलाकों तक इसकी पहुंच हो।
वर्तमान में, राज्य के 40 सरकारी अस्पतालों में यह अत्याधुनिक सुविधा सुचारू रूप से चलाई जा रही है। इस विशाल नेटवर्क में 23 जिला अस्पताल, 14 उप-मंडल अस्पताल और 3 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। इतनी बड़ी संख्या में केंद्रों की स्थापना यह दर्शाती है कि आप सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के विकेंद्रीकरण पर जोर दे रही है ताकि मरीजों को इलाज के लिए लंबी यात्राएं न करनी पड़ें और उन्हें अपने घर के पास ही गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल सके।
आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 तक के कम समय में ही कुल 4,831 मरीजों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है। इतना ही नहीं, इस अवधि के दौरान रिकॉर्ड 32,800 डायलिसिस सत्र सफलतापूर्वक आयोजित किए गए हैं। ये आंकड़े केवल संख्या नहीं हैं, बल्कि यह उन हजारों परिवारों की राहत की कहानी है जो पहले इस बीमारी के कारण भारी तनाव में रहते थे। पंजाब सरकार की इस मुस्तैदी ने यह सुनिश्चित किया है कि किडनी रोगियों को बिना किसी बाधा के निरंतर और समय पर इलाज मिले, जो उनके जीवन की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।
सेवा की गुणवत्ता को सर्वोच्च स्तर पर रखने के लिए, पंजाब सरकार ने हंस फाउंडेशन और अन्य सामाजिक संगठनों के साथ रणनीतिक साझेदारी की है। इस सहयोग के तहत, आठ सरकारी अस्पतालों में 30 अत्याधुनिक और हाई-टेक डायलिसिस मशीनें स्थापित की गई हैं। यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी का एक बेहतरीन मॉडल है, जो पारदर्शिता और सेवा की उत्कृष्टता के मानदंडों पर पूरी तरह खरा उतरता है। इन आधुनिक मशीनों के माध्यम से मरीजों को वही चिकित्सा सुविधाएं सरकारी अस्पतालों में मिल रही हैं, जिनके लिए पहले उन्हें महंगे निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता था। सरकार की यह सोच स्पष्ट करती है कि वह अपने नागरिकों के लिए ‘बेस्ट’ से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करती।
इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पंजाब सरकार ने इसमें किसी भी प्रकार की आय सीमा की शर्त नहीं रखी है। अमीर हो या गरीब, हर मरीज को नि:शुल्क इलाज का अधिकार दिया गया है। किडनी का डायलिसिस एक बेहद खर्चीली प्रक्रिया है, जो निजी अस्पतालों में परिवारों की आर्थिक कमर तोड़ देती थी। लेकिन अब, मरीजों की जेब से एक पैसा भी खर्च नहीं होता।
सरकार ने इस सेवा के विस्तार के लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। भविष्य की योजनाओं के तहत, राज्य के सभी 64 सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में किसी भी किडनी रोगी को इलाज के अभाव में अपनी जान न गंवानी पड़े।

