Tuesday, July 1, 2025
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MDU में कार्यकारी परिषद की बैठक में 35 एजेंडों पर मंथन, यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी प्राध्यापक को किया टर्मिनेट

रोहतक: महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) में सोमवार को आयोजित कार्यकारी परिषद की बैठक में विश्वविद्यालय ने यौन उत्पीड़न के गंभीर मामले में सख्त रुख अपनाते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च (इमसॉर) के प्राध्यापक डा. अशोक कुमार की सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया है।

एमडीयू की इंटरनल कंप्लेंट कमेटी की अनुशंसा पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कार्रवाई जीरो टॉलरेंस नीति के अंतर्गत की है, जिससे यह स्पष्ट संकेत जाता है कि एमडीयू यौन हिंसा या उत्पीड़न के किसी भी मामले को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा।

कार्यकारी परिषद की बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने की। इस महत्वपूर्ण बैठक में कुल 35 एजेंडे प्रस्तुत किए गए, जिन पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिए गए। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि शैक्षणिक और कार्यस्थल वातावरण पूर्णत: सुरक्षित, सम्मानजनक और समानता आधारित हो।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि महिला सम्मान और सुरक्षा विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हर छात्र और कर्मचारी भयमुक्त वातावरण में कार्य कर सके। यह निर्णय उसी प्रतिबद्धता का हिस्सा है। कार्यकारी परिषद के अन्य निर्णयों में शिक्षण, प्रशासनिक व विकास संबंधी विषय शामिल रहे, जिनका उद्देश्य विश्वविद्यालय को शैक्षणिक उत्कृष्टता की दिशा में और आगे बढ़ाना है।

बैठक में इमसॉर निदेशक की अनुशंसा पर कक्षा एवं संस्थान में लगातार अनुपस्थित रहने के चलते प्राध्यापिका डा. अपर्णा भारद्वाज को निलंबित करने तथा नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया।
कार्यकारी परिषद की बैठक में हाल ही में कोर्ट के फैसले के मद्देनजर शारीरिक शिक्षा विभाग के प्राध्यापक डा. कुलताज की पीएचडी की डिग्री को वापस लेने तथा समिति की सिफारिशों के अनुसार किसी भी वित्तीय लाभ की वसूली करने का निर्णय लिया गया। वित्त विभाग के मूल्यांकन के अनुसार डा. कुलताज सिंह से लगभग 18 लाख रुपए की रिकवरी की जाएगी।

कुलसचिव डा. कृष्णकांत ने बैठक में एजेंडा प्रस्तुत किया। बैठक में भारतीय ज्ञान परंपरा और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय में आचार्य चाणक्य चेयर की स्थापना करने का निर्णय लिया गया। यह चेयर आचार्य चाणक्य द्वारा प्रतिपादित शासन, अर्थव्यवस्था और नैतिकता के प्राचीन भारतीय सिद्धांत के अनुसंधान और प्रसार पर ध्यान केंद्रित करेगी।
कार्यकारी परिषद ने बैठक में शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मियों के समर्पण और वर्षों की सेवा को मान्यता देते हुए 16 शिक्षकों एवं 27 गैर शिक्षक कर्मियों की नियमानुसार पदोन्नतियों को मंजूरी प्रदान की गई। इसके अलावा इस बैठक में यूजी-पीजी पाठ्यक्रमों की फीस में जरूरतमंद और मेरिट होल्डर विद्यार्थियों को छूट देने समेत अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

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