कुरुक्षेत्र : हरियाणा के राज्यपाल और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने मंगलवार को विश्वविद्यालय के 34वें दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि से अलंकृत किया। साथ ही, विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले और अंतरिक्ष में भारत का गौरव बढ़ाने वाले इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ को भी विश्वविद्यालय द्वारा मानद उपाधि और गोयल पीस प्राइज से सम्मानित किया गया।
अहम पहलू है कि इस दीक्षांत समारोह में लगभग 2000 विद्यार्थियों को डिग्री तथा 130 पंजीकृत पीएचडी धारकों को पीएचडी की उपाधि तथा 91 पंजीकृत विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल तथा मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। इससे पहले हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, कालका से विधायक शक्ति रानी शर्मा, इसरो वैज्ञानिक डॉ. सोमनाथ एस, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल, डॉ. एसपी सिंह व डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत रूप से 34 वें दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया तथा स्मारिका का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पीएचडी की उपाधि से विभूषित और पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह केवल डिग्री नहीं, बल्कि आपकी मेहनत का सम्मान है। उन्होंने विद्यार्थियों के अभिभावाकों व संकाय सदस्यों को भी बधाई दी। उन्होंने इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ को विश्वविद्यालय द्वारा मानद उपाधि और गोयल पीस प्राइज से सम्मानित करने पर बधाई एवं शुभकामनाएँ दी।
हरियाणा ने शिक्षा, खेल, सांस्कृतिक, शोध और औद्योगिक क्षेत्र में बनाई अलग पहचान
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 1956 में इस कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। तब से लेकर विश्वविद्यालय ने विकास की एक लंबी यात्रा तय की है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने शिक्षा, खेल, सांस्कृतिक, शोध और औद्योगिक क्षेत्र में प्रगति कर देश में एक अग्रणी राज्य के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाई। इस पहचान में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही शिक्षण संस्थानों की क्षमता के बलबूते हरियाणा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह से लागू किया है।
सरकार का ध्येय है हर बच्चे को मिले गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि एक दशक पहले तक हरियाणा में बेटियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूर-दराज के कॉलेजों में जाना पड़ता था। इस कारण अधिकतर बेटियां शिक्षा से वंचित रह जाती थी। उनकी इस पीड़ा को समझते हुए सरकार ने रोडमैप तैयार किया और हर 20 किलोमीटर पर एक कॉलेज स्थापित करने का संकल्प लिया। पिछले 10 सालों में 79 कॉलेज खोले गए, जिनमें से 30 केवल लड़कियों के हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्येय है कि हर बच्चे को अपने घर के नजदीक ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के साथ-साथ युवाओं के कौशल विकास पर भी बल दे रही है। समय की मांग के अनुसार स्कूल से विश्वविद्यालय तक की शिक्षा को कौशल के साथ जोड़ा है। इसके अलावा, स्कूलों में एनएसएसक्यूएफ, कॉलेजों में पहल योजना, विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सेंटर और तकनीकी संस्थानों में उद्योगों की जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए उद्योगों के लिए एमओयू करने जैसे कारगर कदम उठाए जा रहे हैं।