शनिवार को तेहरान में ईरान के सुप्रीम कोर्ट में एक गंभीर गोलीबारी की घटना हुई, जिसमें दो जजों की मौत हो गई। सुप्रीम कोर्ट के प्रवक्ता असगर जहांगीर ने बताया कि दोनों जजों को उनके कार्यालय में घुसकर मारा गया। हमलावर ने गोली चलाने के बाद खुद को भी गोली मार ली। इस हमले में एक और जज और एक सुरक्षा गार्ड घायल हुए हैं।
हमलावर की पहचान जस्टिस डिपार्टमेंट के एक कर्मचारी के रूप में की गई है। हमले में मारे गए दोनों जजों की पहचान अली रजिनी और मोघीसेह के रूप में हुई है। यह दोनों जज राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद और जासूसी मामलों पर फैसला दे रहे थे। इन जजों को सख्त सजा देने के कारण “हैंगमैन” के नाम से जाना जाता था।
रजिनी पर 1988 में हत्या का प्रयास किया गया था, जब उनके बाइक में एक मैग्नेटिक बम लगा दिया गया था। वहीं, मोघीसेह पर 2019 में अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया था।
हमले के बाद ईरान में कई गिरफ्तारियां की गईं और इस हमले के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है।
ईरान में मौत की सजा एक सामान्य प्रक्रिया है और यह दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां सबसे अधिक फांसी की सजा दी जाती है। 2024 में, 901 लोगों को मौत की सजा दी गई थी, जिसमें 31 महिलाएं भी शामिल थीं।