Haridwar land scam: हरिद्वार के चर्चित जमीन खरीद घोटाले में धामी ने बड़ी कार्रवाही की है. इस मामले में सरकार की ओर से दो आईएस और एक पीसीएस अफसर समेत कुल 12 लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है. डीएम कर्मेंद्र सिंह और आईएएस वरुण चौधरी को निलंबित कर दिया गया है. पीसीएस अजयवीर भी निलंबित कर दिए गए हैं. जांच के बाद सामने आया है कि जमीन खरीदने में इन अफसरों की ओर से अनदेखी और लापरवाही की गई है.
Haridwar land scam: इन अधिकारियों को किया गया निलंबित
अब जांच की रिपोर्ट के सामने आने के बाद हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, पूर्व नगर आयुक्त वरुण चौधरी और एसडीएम अजयवीर सिंह को सस्पेंड कर दिया. इसके साथ ही वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट, कानूनगों राजेश कुमार, तहसील प्रशासनिक अधिकारी कमलदास और वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक विक्की को भी निलंबित किया गया है.
इससे पहले चरण में धामी सरकार की ओर से नगर निगम के प्रभारी सहायक नगर आयुक्त रविंद्र कुमार दयाल, अधिशासी अभियंता आनंद सिंह मिश्रवाण, कर एवं राजस्व अधीक्षक लक्ष्मीकांत भट्ट और अवर अभियंता दिनेश चंद्र कांडपाल को भी सस्पेंड किया गया था. संपत्ति लिपिक वेदवाल का सेवा विस्तार समाप्त कर दिया गया है और उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं.
15 करोड़ की जमीन 54 करोड़ रुपए में
हरिद्वार जनपद में आचार संहिता के दौरान नगर निगम ने साल 2024 में 33 बीघा जमीन खरीदी थी. आरोप है इस जमीन की कीमत 15 करोड़ की जमीन को 54 करोड़ रुपए में खरीदा गया. हरिद्वार नगर निगम ने एक अनुपयुक्त और बेकार भूमि को अत्यधिक दाम में खरीदा. इस भूमि की कोई तात्कालिक आवश्यकता थी, न ही खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई.