चंडीगढ़ : हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने महेंद्रगढ़ जिले के एक उपभोक्ता को गलत बिजली बिल के कारण हुई असुविधा और परेशानी के लिए डीएचबीवीएन को 500 रुपये मुआवजा देने के निर्देश दिये हैं।
आयोग के एक प्रवक्ता ने बताया कि महेंद्र ने 30 सितम्बर, 2024 को सितंबर 2024 से संबंधित गलत बिल के बारे में शिकायत लेकर आयोग से संपर्क किया था। उपभोक्ता ने 02 अक्तूबर, 2024 को सीजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज की थी। हालांकि, सात दिनों की आरटीएस समय-सीमा के भीतर समस्या ठीक न होने पर उपभोक्ता ने एसडीओ कार्यालय से सम्पर्क कर अपनी शिकायत बताई। इस पर एसडीओ ने उन्हें एक लिखित आवेदन जमा करने के लिए कहा, लेकिन उपभोक्ता ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि शिकायत पहले ही सीजीआरएस पोर्टल पर जमा कर दी गई है और आगे कोई आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। परन्तु एसडीओ ने अपनी आवाज ऊंची की और चले गए। सितंबर का बिल तो आखिरकार सही कर दिया गया, लेकिन उपभोक्ता को अक्तूबर 2024 का एक और गलत बिल मिला, जो 11 नवम्बर,2024 को बना था। बाद में इस बिल को भी सही कर दिया गया।
मामले की समीक्षा करने पर आयोग ने पाया कि मीटर रीडिंग न होने के कारण बिल ‘आरएनटी’ आधार पर बनाए गए थे, जो डीएचबीवीएन मुख्यालय की ओर से चूक है। मीटर रीडिंग एजेंसी की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी डीएचबीवीएन की है। ऐसा न करने पर कई उपभोक्ताओं के बिल गलत आ सकते हैं, जिससे शिकायतें हो सकती हैं।
आयोग ने महेंद्रगढ़ डीएचबीवीएन के एक्सईएन को 25 जनवरी, 2025 तक अनुपालन की जानकारी आयोग को देने के निर्देश दिये हैं।