World Hepatitis Day : हर वर्ष 28 जुलाई को पीलिया व काला पीलिया की जागृति फैलाने के लिए विश्व हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है और इस वर्ष की थीम है लेट्स ब्रेक इट डाउन अर्थात पीलिया व काले पीलिया को जड से मिटाना।
इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए पीजीआई रोहतक के गस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डाॅ. प्रवीण मल्होत्रा एवं इंचार्ज नोडल ट्रीटमेंट सेंटर पीजीआईएमएस रोहतक ने बताया कि पिछले 12 वर्षों से उनके विभाग में पीलिया व काला पीलिया का इलाज निशुल्क, प्रतिदिन, बगैर किसी वेटिंग के तहत सारे टेस्ट एंडोस्कोपी, कोलोनोस्कोपी, फाइब्रोस्कैन तथा दवाइयां निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं और इसके लिए बीस सदस्यीय टीम दिन रात काम कर रही है। इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि अब तक 26 हजार हेपेटाइटिस सी एवं 12 हजार हेपेटाइटिस बी के मरीज उनके विभाग में पंजीकृत हो चुके हैं और इलाज के उपरांत सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं। पीजीआईएमएस का गस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग ,देश के उन चुनिंदा संस्थानों में है जहां प्रतिदिन काले पीलिया के 70-80 मरीजों का इलाज किया जाता है और उन्होंने हजारों मरीजों अध्ययन से कई महत्वपूर्ण रिसर्च को भी अंजाम दिया गया है। कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल व निदेशक डाॅ.एस.के. सिंघल ने कहा कि यह बड़े ही गर्व का विषय है कि पीजीआईएमएस काले पीलिया का नोडल ट्रीटमेंट सेंटर है।
डॉ प्रवीण मल्होत्रा ने कहा कि स्त्री रोग विभाग की प्रो. डाॅ. वाणी मल्होत्रा एवं नोडल अधिकारी द्वारा 500 काले पीलिया के गर्भवती महिलाओं मे जरूरत अनुसार इलाज तथा हर नवजात को हेपेटाइटिस बी की इम्युनोग्लोबिन तथा हेपेटाइटिस बी वैक्सीन के लगाने से नवजात को हेपेटाइटिस बी से पूर्ण सुरक्षित करने में सफलता प्राप्त की।
कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रो. डाॅ. वरूण अरोड़ा के सहयोग से पीजीआईएमएस रोहतक ने लगभग 8 हजार हेल्थकेयर वर्कर्स को हेपेटाइटिस बी की नि:शुल्क तीन खुराक लगाई जा रही हैं और इसके लिए 24 हजार खुराक पीजीआईएमएस को मिल चुकी हैं।
ब्लड बैंक विभागाध्यक्ष डाॅ. गजेंद्र सिंह की मदद से प्रतिमाह 70-80 काले पीलिया के मरीजों को चिन्हित कर निशुल्क इलाज किया जाता है जो रक्तदान के लिए आते हैं।
ऐसे ही 25-30 मरीज प्रतिमाह डायलिसिस के दौरान काले पीलिया की बीमारी से ग्रसित पाए जाते हैं और इलाज के लिए पंजीकृत किये जाते हैं। काले पीलिया मरीजो के परिवार में 13 प्रतिशत सदस्यों में काला पीलिया पाया गया है और उनको इलाज के लिए पंजीकृत किया गया और बाकी सदस्यों जिनमें काला पीलिया नहीं है उन्हें हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए वैक्सीन दी गई है। काले पीलिया के वायरस के टेस्टों का दायित्व डा परमजीत सिंह गिल प्रोफेसर माइक्रोबायोलॉजी निभा रहे हैं।
डाॅ.प्रवीण मल्होत्रा ने बताया कि काला पीलिया खून के संक्रमण से फैलता है और इससे बचने के लिए नशे के टीके ना लगाएं, इंजेक्शन के वक्त नई सुंई का ही प्रयोग करवाएं, सुरक्षित यौन संबंध का ध्यान रखें, नाई की दुकान पर नए ब्लेड का प्रयोग करवाएं, गर्भावस्था में काले पीलिया की जांच अवश्य कराएं और जिन मरीजों को भी काला पीलिया मिलता है वें अपना निशुल्क इलाज हरियाणा के किसी भी सरकारी अस्पताल , मेडिकल कॉलेज और पीजीआईएमएस रोहतक में ले सकता है।