हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के वाइस चेयरमैन धूमन सिंह किरमिच ने बताया कि सरस्वती नदी के ऊपर कई जलाशय स्थापित किए हैं, जिनकी वजह से वॉटर लेवल बढ़ा है। पिछले 3 वर्ष से सरस्वती नदी में पानी चलने से किसान ख़ुश हैं और गांव बोहली व ईसरगढ़ क्षेत्र के आस -पास के गांवो के लिए सरस्वती नदी वरदान साबित हो रही है।
वर्ल्ड बैंक की टीम से लिड वॉटर रिसोर्स मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट डॉ जूप स्टाउटजिस्टिक और डॉक्टर बोगचन बेलनी स्पेशलिस्ट प्रिंसिपल इरीगेशन और ड्रेनेज सिस्टम ने गांव बोहली व ईसरगढ़ में सरस्वती नदी व रिवर रिचार्जिंग सिस्टम का किया दौरा किया।
उन्होंने बताया कि सरस्वती बोर्ड सरस्वती नदी को रिजर्व नेट करने के लिए लगा है। हमारा उद्देश्य सरस्वती नदी में 12 महीने पानी चलाने का है जो अभी छह से सात महीने तक पानी चलता है। सरस्वती बोर्ड आदिबद्री में एक डैम बैराज व एक बड़ा जलाशय बनाकर सरस्वती नदी में 12 महीने पानी चलाने के लिए प्रयासरत है और वह सपना दूर नहीं है जब जल्द ही 12 महीने सरस्वती में पानी चलेगा।
धूमन सिंह ने बताया कि सरस्वती नदी हमारी संस्कृति व सभ्यता है। अब सरस्वती का कार्य उत्तराखंड के बन्दर पूँछ ग्लेशियर से लेकर हिमाचल, हरियाणा, राजस्थान व गुजरात के रण -कच्छ तक चिह्नित कर लिया गया है जिसमें हरियाणा में 400 किलोमीटर में पानी अभी चल रहा है जो बिलासपुर से लेकर सिरसा ओट्टू हेड तक सरस्वती चौटांग नदी, लिंडा नाला, टांगरी नदी, मारकंडा नदी व घाघर नदी व अन्य नालों का पानी लेकर भी आगे सिरसा तक जाती है जिसका अगला पड़ाव राजस्थान में आता है।
वर्ल्ड बैंक के दोनों अधिकारियों ने सरकार के सरस्वती नदी प्रोजेक्ट को नदी के किनारे स्थापित रिचार्ज को सहराना की है। इस दौरान उनके साथ विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।