पवन कुमार बंसल : हूडा की तो मजबूरी है , किसान का बेटा ,किसानों की जमीन बिल्डरों के हवाले करवाने के आरोप में अदालत के चक्कर काट रहा है। शैलजा और रणदीप जो हर रात मुख्यमंत्री बन सोते है की क्या मजबूरी है? राम जाने मामला चाहे सूरजपुर में एसीसी सीमेंट द्वारा वन विभाग की १२२ एकर जमीन बेचने का हो या फिर माहिरा होम्स गुरुग्राम का हो।
विस्सल ब्लोअर शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष विजय बंसल ने बाकायदा मनोहर लाल को पत्र लिखकर आरोप लगाया था की उकत कंपनी ने अफसरों से मिलकर उक्त सरकारी जमीन को मुंबई की एक फर्म ओडिसी डेवेलपर्स को बेच दिया है और उस फर्म ने इसे आगे हरियाणा के एक प्रभावशाली नेता को बेच दिया है।
यह आरोप लगाते हुए की यह सब वन विभाग और रेवेनुए व इंडस्ट्री महकमे के अफसरों की मिलीभगत से हुआ है मामले की सी बी आई जांच की मांग की थी। लेकिन मनोहर लाल ने तो कोई कार्रवाई नहीं की क्योंकि वो नेता अब उनका समर्थन कर रहा है। शैलजा ,हूडा और रणदीप भी चुप है।
मनोहर लाल को लिखे पत्र की कॉपी कुमारी शैलजा , रणदीप सुरजेवाला और भूपिंदर हूडा को भेजी गयी थी और यह उम्मीद थी के एक जिम्मेदार विपक्ष का नेता वे इस मामले में आवाज उठाएंगे लेकिन वे भी चुप है। बकौल शायर कुछ तो मजबूरियां रही होगी यू ही तो कोई बेवफा नहीं होता। वैसे पत्र की कॉपी उन को भी भेजी गयी थी।