दिसंबर 2024 में थोक महंगाई दर 2.37% तक पहुंच गई, जो नवंबर में 1.89% और अक्टूबर में 2.36% थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने 14 जनवरी को इस आंकड़े का खुलासा किया। आलू, प्याज, अंडे, मांस-मछली और फलों की थोक कीमतों में वृद्धि देखी गई है।
रोजाना इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की महंगाई दर 5.49% से बढ़कर 6.02% हो गई है, जबकि खाने-पीने की चीजों की महंगाई 8.92% से घटकर 8.89% पर आ गई है। फ्यूल और पावर की महंगाई -5.83% से घटकर -3.79% रही, जबकि मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की महंगाई 2.00% से बढ़कर 2.14% हो गई। आलू की महंगाई 82.79% से बढ़कर 93.20% तक पहुंच गई, जबकि अंडे, मांस और मछली की कीमतें भी 5.43% तक बढ़ी हैं। सब्जियों की महंगाई दर 28.57% से बढ़कर 28.65% हो गई है।
थोक महंगाई के लंबे समय तक उच्च स्तर पर बने रहने से प्रोडक्शन सेक्टर पर बुरा असर पड़ता है। यदि यह दर ज्यादा समय तक उच्च रहती है तो प्रोड्यूसर इसे कंज्यूमर्स तक पहुंचा सकते हैं, जिससे आम आदमी पर भी बोझ बढ़ सकता है। हालांकि, सरकार इस पर टैक्स के जरिए नियंत्रण रख सकती है, जैसे कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि होने पर सरकार ने एक्साइज ड्यूटी घटाई थी।