रोहतक : उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि फसल कटाई प्रयोगों के दौरान पूर्ण सावधानी बरती जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन प्रयोगों के आधार पर ही प्रत्येक गांव की औसत फसल पैदावार तय की जाएगी।
उपायुक्त ने कहा कि फसलों के औसत उत्पादन का आंकलन करने के लिए कृषि विभाग द्वारा प्रत्येक फसल सीजन में फसल कटाई प्रयोग किया जाता है। इन प्रयोग के आधार पर ही प्रति एकड़ में फसल का कितना उत्पादन होगा इसका अनुमान लगाया जाता है। कृषि विभाग के उपनिदेशक रविंद्र हुड्डा ने गुरुवार को जिला के विभिन्न गांव में किए गए फसल कटाई प्रयोग का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि रबी सीजन में फसल कटाई प्रयोग का कार्य ध्यानपूर्वक करें क्योंकि इसी के आधार पर ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।
रविन्द्र हुड्डा द्वारा गेंहू व सरसों फसल का 5&5 का प्लाट मौके पर उपस्थित होकर करवाया गया तथा कृषि विभाग के फसल कटाई प्रयोगों में कार्यरत सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को आदेश भी दिए गए की प्रत्येक गांव में यह कार्य ध्यानपूर्वक करें। इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही ना करें और उन्होंने गांव खेड़ी साध ब्लॉक सांपला में किसान दिलबाग व धर्मबीर के खेत में फसल कटाई प्रयोगों का कार्य सरेश बी0टी0एम0, सांपला द्वारा, गांव कान्ही, ब्लॉक रोहतक में किसान संदीप व मुलखराज के खेत में सुरेन्द्र कृषि निरीक्षक व गांव धामड़ में प्रदीप के खेत में नरेंद्र कृषि विकास अधिकारी द्वारा किए जा रहे फसल कटाई प्रयोगों का निरीक्षण करते हुए कुछ खेतो का मौके पर फसल का कटाई कार्य अपनी मौजूदगी में पूर्ण करवाया और सभी को आदेश दिए गए कि फसल कटाई प्रयोगों का कार्य ईमानदारी व निष्पक्षता से ध्यानपूर्वक करें ताकि गांवों की औसत पैदावार के आकड़े सही प्राप्त हो सके। इसके आधार पर किसानो का मुआवजा निर्धारण किया जा सके।
अधिकारियों व कर्मचारियों की जिले के सभी गांवों में ड्यूटी लगाई
सहायक सांख्यिकी अधिकारी विनोद हुड्डा द्वारा बताया गया कि फसल कटाई प्रयोग (सीसीई) के लिए उप कृषि निदेशक, रोहतक द्वारा फसल कटाई प्रयोग के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की जिले के सभी गांवों में ड्यूटी लगाई गई है, जिनके द्वारा प्रत्येक गांव में गेंहू, चना, जौ व सरसों फसल के लिए चार-चार फसल कटाई प्रयोग किए जाने है। ये सभी प्रयोग रेंडम न0 व स्मार्ट सैम्पलिंग विधि के आधार पर खेतो का चुनाव राजस्व विभाग के पटवारियों की सहायता से प्रत्येक गांव में प्रत्येक फसल के लिए चार-चार खेत चुने जाते है, जिसमे रैंडम तालिका के आधार पर 5&5का प्लाट का चयन किया जाता है और उसकी औसत पैदावार निकाली जाती है। उस समय बीमा कंपनी से प्रतिनिधि और किसान मौके पर मौजूद होते हैं जो भी औसत पैदावार प्राप्त होती है उसके आधार पर ब्लॉक व जिला स्तर की पैदावार प्राप्त होती है जिसके आधार पर बीमा कंपनी द्वारा मुआवजे का निर्धारण किया जाता है। फसल कटाई प्रयोगों के निरीक्षण के समय बीमा कंपनी से जिला प्रबन्धक सचिन मिश्रा, कृषि विभाग से विकास, सुपरवाइजर प्रीतम, नरेंद्र, विकास, योगेश व सम्बन्धित गांव के किसान भी मौजूद रहे।