Vinod Khanna : विनोद खन्ना जिन्हें आज भी उनके शानदार अभिनय और व्यक्तित्व के लिए याद किया जाता है ने अपने करियर की शुरुआत 1960 के दशक में की थी। वह सुनील दत्त की फिल्म मन का मीत (1968) में एक सपोर्टिंग रोल में नजर आए थे। हालांकि यह उनकी छोटी भूमिका थी लेकिन इसके बाद उन्होंने कई फिल्में कीं जो उनके लिए एक कदम और आगे बढ़ने का मौका बन गईं।
‘मेरे अपने’: विनोद खन्ना का बॉलीवुड में टर्निंग प्वाइंट
विनोद खन्ना के करियर में असली बदलाव 1971 में आई फिल्म मेरे अपने से आया। यह फिल्म एक्शन-ड्रामा थी, जिसमें उन्होंने लीड रोल अदा किया था। मेरे अपने उनके करियर की पहली फिल्म थी बतौर हीरो, और इस फिल्म ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। इसके अलावा, फिल्म की सफलता के बाद उनकी गिनती बॉलीवुड के टॉप स्टार्स में होने लगी।
शानदार अभिनय और आकर्षक व्यक्तित्व
इस फिल्म में विनोद खन्ना ने अपनी भूमिका के साथ-साथ अपनी कद-काठी और आकर्षक चेहरे की वजह से दर्शकों का दिल जीता। उन्हें बॉलीवुड के सबसे हैंडसम एक्टर का खिताब मिला और उनकी लोकप्रियता आसमान छूने लगी। मेरे अपने में उनके साथ शत्रुघ्न सिन्हा भी थे, और दोनों ने फिल्म में जबरदस्त एक्शन और ड्रामा किया।
बॉक्स ऑफिस पर सफलता और स्टारडम का आगाज
विनोद खन्ना की फिल्म मेरे अपने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट साबित हुई। इसके बाद, वह सिर्फ खलनायक की भूमिका से ही नहीं, बल्कि हीरो की भूमिका में भी दर्शकों के दिलों में छा गए। यह फिल्म एकदम सही समय पर रिलीज हुई, और इसके बाद विनोद खन्ना की बॉलीवुड में नई पहचान बन गई।
निर्देशक गुलजार और विनोद खन्ना का जादू
मेरे अपने का निर्देशन गुलजार ने किया था। यह उनके निर्देशन में पहली फिल्म थी, और फिल्म के सफल होने के बाद गुलजार की ख्याति भी बढ़ी। साथ ही, विनोद खन्ना का अभिनय भी बेहतरीन साबित हुआ, जिसने उन्हें इंडस्ट्री का एक प्रमुख सितारा बना दिया।