Rohtak News: रोहतक जिले में कई इलाकों में पानी की किल्लत से लोग जूझ रहें हैं। ये समस्या उतनी बढ़ गई है कि अब जनता में सब्र का बांध टूट गया है। मंगलवार को पानी की समस्या को लेकर लोगों में काफी आक्रोश दिखा और उन्होंने जींद बाईपास पर धरना देना शुरू कर दिया। ग्रामीणों द्वारा किए गए चक्का जाम के चलते बाईपास से गुजरने वाले राहगिरों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
15 वर्षों से इलाके में पानी की समस्या
वहीं, धरने पर बैठे लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई। लोगों का कहना था कि उनके इलाके में 10 से 15 वर्षों से पानी की किल्लत चल रही है। प्रशासन को इस समस्या से अवगत भी कराया गया लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। उन्होंने कहा कि आज मकर संक्रांति का त्यौहार है फिर भी हमारे घरों में पानी नहीं आ रहा है जिसकी वजह से हम आज के दिन भी बिना नहाए बैठे है।
रैनकपुरा और डेयरी मौहल्ला के ग्रामीणों का कहना है कि पानी के बूस्टर के लिए राशि भी पास हो चुकी है लेकिन अभी तक बूस्टर चालू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ महीनों पहले वो जिला उपायुक्त के पास भी शिकायत लेकर गए थे। उस वक्त डीसी ने भी हमें आश्वासन दिया था कि जल्द से जल्द पानी के बूस्टर को चालू किया जाएगा, लेकिन अभी तक बूस्टर चालू नहीं हुआ है।
प्रशासन पर अनदेखी का आरोप
ग्रामीणों ने कहा कि कई बार प्रशासन में शिकायत करने के बावजूद हमारी समस्याओं का हल नहीं निकाला गया है। लोगों ने गरिमा टाइम्स से बात करते हुए कहा कि रैनकपुरा और डेयरी मौहल्ला में पानी की समस्या बहुत पुरानी है जिसका हल अभी तक नहीं निकला और इसी वजह से यहां से लोगों ने पलायन करना भी शुरू कर दिया है।
हालांकि, बाईपास पर धरने देकर बैठे ग्रामीणों को प्रशासन हटाने के लिए पहुंचा लेकिन लोग नहीं माने। गांव की महिलाओं ने कहा कि वो चंडीगढ़ से लेकर दुष्यंत चौटाला तक अपनी समस्या लेकर पहुंचे थे। लेकिन आज तक पानी की समस्या दूर नहीं हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 10 से 15 वर्षों से वो इस समस्या से जूझ रहे हैं।