Thursday, December 12, 2024
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Rohtak PGI के कुलपति बोले- प्रमाणित रिपोर्ट से ही मरीज को मिलता है सटीक इलाज

रोहतक: पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल ने पीजीआईएमएस (PGIMS) के बायोकेमिस्ट्री विभागाध्यक्ष डाॅ. सिम्मी खरब द्वारा ऑनलाइन माध्यम से आयोजित करवाए जा रहे दो दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम 360 हैल्प में मुख्यअतिथि के तौर पर शिरकत की।

इस मौके पर ऑनलाइन जुडे हुए प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल ने कहा कि एनएबीएल (NABL) एक गुणवत्ता का प्रमाण है, जो अस्पतालों को उच्च गुणवत्ता और पेशेवरता के मानकों का पालन करने में मदद करता है। एनएबीएल लैब के परिणाम मरीजों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि ये परिणाम चिकित्सकों को मरीजों के लिए उचित उपचार की सलाह देने में मदद करते हैं।

उन्होंने कहा कि किसी भी अस्पताल की लैब को एनएबीएच मान्यता मिलने से उस पर लोगों का विश्वास बढता हैं। पीजीआईएमएस के बायोकेमिस्ट्री विभाग का मान्यता प्राप्त करने की तरफ कदम बढाना एक बहुत ही सराहनीय प्रयास है।

कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल ने कहा कि वें इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए डाॅ. सिम्मी खरब और उनकी टीम को बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि एनएबीएल लैब के परिणाम विश्वसनीय और सटीक होते हैं, जो चिकित्सकों और मरीजों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

डाॅ. अग्रवाल ने कहा कि एनएबीएल लैब को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त होती है, जो यह सुनिश्चित करती है कि लैब के परिणाम विश्वभर में मान्य होते हैं। उन्होंने कहा कि एनएबीएल लैब के परिणाम चिकित्सा अनुसंधान में सुधार करने में मदद करते हैं, क्योंकि ये परिणाम अनुसंधानकर्ताओं को नए उपचारों और दवाओं के विकास में मदद करते हैं।

वहीं, निदेशक डाॅ.एस.के. सिंघल ने कहा कि हम अपनी नैदानिक जैव रसायन प्रयोगशालाओं को गुणवत्ता और रोगी देखभाल में उत्कृष्टता का एक मॉडल बनाने के लिए मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण में सक्रिय रूप से भाग लें, प्रश्न पूछें, अपने दैनिक कार्य में गुणवत्ता के सिद्धांतों को अपनाने के लिए अपने विचार साझा करें।

डाॅ. सिंघल ने कहा कि एनएबीएल लैब में गुणवत्ता नियंत्रण की प्रक्रियाएं होती हैं, जो यह सुनिश्चित करती हैं कि लैब में किए जाने वाले परीक्षणों की गुणवत्ता उच्च स्तर की होती है।

बायोकेमिस्ट्री विभागाध्यक्ष डाॅ. सिम्मी खरब ने बताया कि क्लिनिकल बायोकेमिस्ट्री प्रयोगशालाओं के लिए एनएबीएच 5वें मानकों के अनुसार गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली विषय पर यह दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाया जा रहा है। इसमें दैनिक नैदानिक संचालन में गुणवत्ता के सर्वोपरि महत्व पर जोर दिया जाएगा।

डाॅ. सिम्मी खरब ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेकर, हम एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने और बनाए रखने की दिशा में एक सक्रिय कदम उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि डाॅ. रविंद्र नाथ बंसल द्वारा एनएबीएच पर यह प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 360 डायगनोस्टिक की निदेशक डाॅ. जतिंद्र भाटिया, आरजू, साक्षी सिंह, अन्नू कुमारी ने इस शिविर में अपना योगदान दिया। डाॅ. सिम्मी खरब ने बताया कि बायोकेमिस्ट्री विभाग से फैकल्टी, रेजिंडेट्स व लैब टैक्निशयनों सहित करीब 65 प्रतिभागी इस प्रशिक्षण में हिस्सा ले रहे हैं। इस अवसर पर डाॅ. आशुमा, डाॅ. इशा, डाॅ. किरन, डाॅ. मोनिका, डाॅ. वसुधा, डाॅ. गुलशन, डाॅ. दीपिका, डाॅ. मंजूलता आदि उपस्थित रहे।

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