रोहतक : समाज की विभिन्न संस्थाओं में काबिज पदाधिकारी किसी भी नीति के तहत दोबारा सत्ता पर काबिज होने का प्रयास करते है। काबिज होने के प्रयास में पदाधिकारी नए समीकरण बनाते हैं। नए समीकरणों के तहत पिछले चुनाव में जो उनके साथ खड़े थे उनका साथ छोड़ देते है और जो उनके साथ नहीं खड़े थे उनका दामन थाम लेते है। कुछ ऐसा ही अब वैश्य एजुकेशन सोसायटी के 10 अगस्त को होने वाले चुनाव में देखने को मिल रहा है।
पूर्व में संस्था के 2 पूर्व प्रधान जो परस्पर एक दूसरे के मुकाबले में खड़े थे वो पद पाने की चाह में परस्पर समझौता करके गुट बना रहे हैं। पद पाने की लालसा इतनी बढ़ गई है कि सभी सिद्धांत और नियम ताक पर रख दिए जाते है। 105 कॉलेजियम सदस्य 5 पदाधिकारी और 16 कार्यकारिणी सदस्यों का चयन करेंगे। उसके लिए पूर्व के पदाधिकारियों द्वारा जोड़ तोड़ जारी है। जब समझौता होता है तो दोनों गुट परस्पर सीटों का बंटवारा कर लेते है लेकिन जब प्रधान के पद पर चुनाव का मामला उठता है तो वो गुट बिखर जाता है।
105 कॉलेजियम सदस्य संशय में है कि वो किस गुट का साथ दें क्योंकि बाद में पदाधिकारी आपस में भिड़कर लडाई झगडे पर उतर आते हैं, जिससे सोसायटी बदनाम होती है।
पदाधिकारियों के चयन के लिए कई गुट सक्रिय है। सूत्रों की माने तो एक गुट को 60 कॉलेजियम सदस्यों का समर्थक बताया जा रहा है। लेकिन 60 समर्थक सदस्यों में भी पदाधिकारियों का पद पाने के लिए खींचतान चल रही है।
वहीं रोहतक के विभिन्न राजनीतिक दल भी वैश्य एजूकेशन सोसायटी के चुनाव में गहरी रूचि दिखा रहे है और प्रधान पद के दावेदारों का औपचारिक समर्थन भी कर रहे है। बता दें कि प्रधान पद के लिए चंद्र गर्ग, सुभाष चंद्र व विकास गोयल मैदान में हैं।