नई दिल्ली। वैशाख अमावस्या का व्रत स्नान कल 8 मई को है। ज्योतिष विद्या में वैशाख अमावस्या विशेष महत्व रखती है। वहीं, मई महीने की अमावस्या को वैशाख अमावस्या के नाम से जाना जाता है। मंगलवार से अमावस्या तिथि शुरू हो रही है। 8 तारीख को उदयातिथि के कारण अमावस्या रहेगी। दान पुण्य इस दिन सुबह 8.51 बजे तक किया जा सकेंगा। इस बार अमावस्या पर तीन शुभ योग्य बन रहे हैं। इस समय किया गया दान- पुण्य सीधा पितरों को मिलता है।
इस दिन भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही तर्पण और पिंडदान आदि कार्य किए जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से पितरों को शांति मिलती है। साथ ही मृत्यु लोक में स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। पितरों को खुश करने और पितृ दोष से राहत पाने के लिए दान-पुण्य और श्राद्ध कर्म करने से पितरों को खुश किया जा सकता है। इसलिए किसी गरीब को वस्त्र, फल आदि दान करें। वहीं, सूर्यास्त होने के बाद दक्षिण दिशा में सरसों के तेल में काला तिल डालकर दीपक जलाएं। इस दिन पितृ स्तोत्र और पितृ कवच का पाठ करने से पितरों का आशीर्वाद मिल सकता है।
वैशाख अमावस्या व्रत कथा
माना जाता है कि वैशाख अमावस्या व्रत में कथा का पाठ न करने से पूजा अधूरी रहती है। व्रत कथा का पाठ करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में धर्मवर्ण ब्राह्मण था। उसने किसी संत से सुना था कि घोर कलियुग में भगवान विष्णु के ध्यान से ज्यादा पुण्य किसी अन्य कार्य में नहीं होगा। पुण्य यज्ञ से अधिक प्रभु के ध्यान से प्राप्त होगा। संत के इस वचन को धर्मवर्ण ने धारण किया और भ्रमण के लिए निकल पड़े। भ्रमण के दौरान धर्मवर्ण पितृलोक पहुंच गए। उन्होंने वहां देखा कि पितृ बहुत कष्ट में हैं।
पितरों ने धर्मवर्ण को बताया कि उनकी यह हालत संन्यास की वजह से हुई है। क्योंकि उनकी शांति के लिए अब पिंडदान करने वाला कोई नहीं है। पितरों ने आदेश दिया कि तुम गृहस्थ जीवन आरंभ करो और संतान उत्पन्न करो। इसके बाद हमे तृप्ति प्राप्त होगी। पितरों के आदेश को धर्मवर्ण ने पालन किया और गृहस्थ जीवन की शुरू किया और वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर पिंडदान कर पितरों को मुक्त कराया।
वैशाख अमावस्या पर दान
वैशाख अमावस्या के दिन स्नान के बाद आपको अपनी क्षमता के अनुसार वस्त्र, अन्न, फल आदि का दान करना चाहिए। जिनको अपने पितरों के लिए दान करना है, वे अनाज, सफेद वस्त्र, बर्तन, फल, जमीन, गोवंश, सोना आदि का दान कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपनी राशि के अनुसार शुभ वस्तुओं का दान कर सकते हैं, जिससे आपकी राशि के स्वामी ग्रह का शुभ प्रभाव आपको प्राप्त हो सकता है।
माँ लक्ष्मी हर लेंगी कष्ट
वैशाख अमावस्या के दिन कुछ उपाय करने से आर्थिक स्थिति को सुधारा जा सकता है। इसलिए अगर आप भी दरिद्रता के शिकार हैं तो मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए वैशाख अमावस्या पर जरूर करें ये उपाय-
- वैशाख अमावस्या के दिन घर के ईशानकोण में घी का दीपक जलाएं। ध्यान रखें की ये दीपक सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक जलता रहे।
- माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए सुबह पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें।
- अमावस्या के दिन घी के दीपक में केसर और लौंग के 2 दाने डालकर जलाने से माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और आर्थिक तंगी दूर करने में मदद मिलती है।
- अपनी आर्थिक स्थितियों को मजबूत बनाने के लिए इस दिन 108 बार तुलसी की माला से गायत्री मंत्र का जाप करें।
- शाम के वक्त तिल के तेल का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं और परिक्रमा भी करें।
- अपने घर की नकारात्मकता को दूर भागने के लिए पानी में नमक मिलाकर पोछा लगाएं या साफ-सफाई करें।
- अमावस्या के दिन घर की सुख-शांति को बनाए रखने के लिए गाय की सेवा करें। इस दिन पशुओं को भूलकर भी परेशान नहीं करना चाहिए।