Saturday, November 16, 2024
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झांसी मेडिकल कॉलेज में एनआईसीयू वार्ड में आग से 10 बच्चे जिंदा जले, कई घायल

उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड (NICU) में आग लगने 10 बच्चे जिंदा जल गए वहीं कई की हालत गंभीर है। बताया जा रहा है कि  वार्ड में शार्ट सर्किट से आग लगी थी। जिस वक्त आग लगी एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे मौजूद थे।

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई दुर्घटना पर गहरा दुःख जताया है। शुक्रवार देर रात घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने रातों-रात उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को मौके पर भेजा।

सीएम योगी ने घटना में असमय काल कवलित नवजात बच्चों के माता-पिता को 5-05 लाख रुपये तथा घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से उपलब्ध कराने के आदेश दिए है। वहीं मुख्यमंत्री  ने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे में घटना के संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

वहीं इस हादसे पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक जिनके पास स्वास्थ्य विभाग है ने कहा कि झांसी के मेडिकल कॉलेज की घटना अत्यंत दुखद है। घटना के कारणों की पड़ताल की जा रही है। घटना के कई चरणों में जांच के निर्देश दिये गये हैं। घटना की पहली जांच शासन स्तर से स्वास्थ्य महकमा, दूसरी जांच जिला पुलिस और फायर विभाग करेगा। इसके अलावा तीसरी मजिस्ट्रियल जांच होगी। घटना के कारण का पता लगाया जाएगा। यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो कड़ी कार्रवाई करेंगे। योगी सरकार बच्चों और परिजनों के साथ पूरी से खड़ी है। हमारे स्टाफ, चिकित्सकों, बचाव दल ने बहादुरी के साथ बच्चों को बचाने का काम किया है। प्राथमिकता के आधार पर बच्चों की देखरेख की जा रही है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में सभी फायर फाइटिंग इक्यूपमेंट पूरी तरह से ठीक थे। यहां फरवरी में फायर सेफ्टी ऑडिट और जून में मॉक ड्रिल भी किया गया था।

वहीं झांसी के डीएम अविनाश कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही दमकल और बचाव की टीमें मौके पर पहुंच गई थीं। इसके अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी और स्वास्थ्य महकमे के सभी अधिकारी मौके पर पहुंच गये थे। सभी ने तेजी के साथ बचाव राहत कार्यों को अंजाम दिया।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर ने बताया कि रेस्क्यू किये गए बच्चों को मेडिकल कॉलेज के अन्य वार्डों, जिला अस्पताल और निजी नर्सिंग होम्स में भर्ती कराया गया है।

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