UP News: उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojana) से आर्थिक असमानता की दीवार टूट रही है। योगी सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 से हर जोड़े पर एक लाख रुपये खर्च कर रही है।
यह धनराशि बढ़ने के बाद गोरखपुर में बीते 27 मई को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत 1200 जोड़ों का विवाह समारोह संपन्न किया जा चुका है। अब योगी सरकार के निर्देश पर अगले सीजन को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। पात्रता मानकों और सहायता राशि में बढ़ोतरी के बाद समाज कल्याण विभाग और जिला स्तरीय अधिकारी पात्र व्यक्तियों की पहचान और सत्यापन में जुट गए हैं।
अभियान चलाकर लाभार्थियों की बनाई जाए सूची, पात्र को दिलाया जाए योजना का लाभ
शासन स्तर से जनपदीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार की जाए और इस संबंध में समर्पित अभियान चलाया जाए, जिससे हर वास्तविक पात्र को योजना का लाभ मिल सके। शासन स्तर पर कहा गया है कि सभी जिलों में पारदर्शी और सटीक तरीके से आवेदन की जांच की जाए, साथ ही स्थानीय निकाय, ग्राम पंचायत और आंगनबाड़ी केंद्रों के सहयोग से पात्र जोड़ों की पहचान सुनिश्चित की जाए।
समाज कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार अब आय सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये वार्षिक कर दिया गया है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के अधिक से अधिक परिवार इस योजना के दायरे में आ सकें। आवेदन की जांच में प्राथमिकता सामाजिक और आर्थिक आधार पर दी जाएगी, विशेषकर अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए।
51 हजार रुपये से बढ़ाकर धनराशि एक लाख रुपये के बाद गोरखपुर में 27 मई को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत 1200 जोड़ों का विवाह समारोह संपन्न किया जा चुका है। समारोह में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिरकत की थी। वहीं लखनऊ, प्रयागराज, मेरठ, आगरा, झांसी समेत सभी मंडलों में समाज कल्याण अधिकारियों की टीमों ने वार्ड और ग्राम स्तर पर संपर्क अभियान शुरू कर दिया है। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे स्वयं स्थलीय निरीक्षण करें और पात्रता की पुष्टि करें।
अब 1 लाख रुपये की हो रही मदद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर योजना की सहायता राशि में महत्वपूर्ण वृद्धि की गई है। अब प्रति नवविवाहित जोड़े को एक लाख रुपये की सहायता दी जाने लगी। जिसमें 60,000 रुपये सीधे कन्या के बैंक खाते में जमा होंगे। 25,000 रुपये की उपहार सामग्री दी जाएगी। 15,000 रुपये विवाह समारोह के आयोजन में व्यय होंगे। सरकार का यह निर्णय इस वित्तीय वर्ष से प्रारंभ हो गया है।
8 वर्ष में 4.76 लाख से अधिक बेटियों के हाथ किए जा चुके पीले
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 2017 में शुरू की गई मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना गरीब और वंचित परिवारों के लिए संजीवनी बन चुकी है। यह योजना उन परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटियों की शादी धूमधाम से नहीं कर पाते थे, लेकिन आठ वर्ष में अब तक इस योजना के तहत 4,76,207 गरीब कन्याओं के विवाह संपन्न हो चुके हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के आंकड़े दिखाते हैं कि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए यह योजना अत्यंत प्रभावशाली साबित हुई है। अब तक इस योजना का सबसे अधिक लाभ दलित वर्ग ने उठाया है, जिसमें 2.20 लाख से अधिक गरीब परिवारों की बेटियों की शादी कराई गई है। वहीं पिछड़े वर्ग के 1.30 लाख परिवार और अल्पसंख्यक वर्ग के 40 हजार से अधिक परिवार इस योजना के लाभार्थी बने हैं। बाबा साहब के विचारों को समर्पित ये योजनाएं न केवल दलित समाज का सामाजिक और आर्थिक उत्थान कर रही हैं, बल्कि उन्हें गरिमा और आत्मसम्मान के साथ जीने का आधार भी दे रही हैं।