लखनऊ: यूपी में कुष्ठावस्था पेंशन योजना और दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान योजना के तहत लाखों जरूरतमंदों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जो राज्य की सामाजिक कल्याण नीतियों की मिसाल बन रही है।
कुष्ठ रोग के कारण दिव्यांग हुए व्यक्तियों के लिए संचालित कुष्ठावस्था पेंशन योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को प्रतिमाह 3,000 रुपये दिए जा रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में 34,994 कुष्ठरोगियों को इस योजना का लाभ मिला, जबकि वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 12,692 लाभार्थियों को आधार-आधारित प्रणाली से भुगतान किया गया। इसी क्रम में, दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान योजना के तहत 30,86,102 दिव्यांगजनों को पिछले तीन वर्षों में प्रतिमाह 1,000 रुपये की पेंशन दी गई। इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 11,32,240 दिव्यांगों को यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की गई।
लाभार्थी पात्रता निर्धारण को सरल बनाकर योजनाओं का लाभ दे रही योगी सरकार
आधार-आधारित भुगतान प्रणाली ने इन योजनाओं को पारदर्शी और समयबद्ध बनाया है, जिससे धन के दुरुपयोग की संभावना खत्म हुई है। ऑनलाइन आवेदन और जनसुविधा केंद्रों के माध्यम से पात्रता निर्धारण को सरल बनाया गया है, जिसमें बीपीएल आय सीमा और चिकित्सा प्रमाण पत्र आधार हैं। यह कदम न केवल कुष्ठरोगियों और दिव्यांगों के जीवन स्तर को बेहतर कर रहा है, बल्कि समाज में भेदभाव को कम करने में भी सहायक है।
पिछड़ा वर्ग कल्याण व दिव्यांग सशक्तीकरण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बताया कि दिव्यांगों और कुष्ठरोगियों के स्वावलंबन और सम्मान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्राथमिकताओं में है। योगी सरकार का लक्ष्य इन समुदायों को मुख्यधारा में लाना और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। सरकार समयबद्ध व पूरी पारदर्शिता के साथ दिव्यांगों को योजनाओं का लाभ पहुंचा रही है।