Friday, October 18, 2024
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ की बजट पूर्व बैठक, लिए सुझाव

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को नई दिल्ली में सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों (विधायकमंडल सहित) के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व बैठक हुई। हरियाणा के वित्त मंत्री जय प्रकाश दलाल भी इस बैठक में शामिल हुए।

जय प्रकाश दलाल ने बैठक में कहा कि हरियाणा भारत की जनसंख्या का 2.09 प्रतिशत और कुल भौगोलिक क्षेत्र का 1.34 प्रतिशत वाला एक छोटा राज्य है, फिर भी 2023-24 में अखिल भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में हरियाणा के जीएसडीपी का हिस्सा 3.7 प्रतिशत है और कुल जीएसटी संग्रह में हरियाणा का योगदान 6 प्रतिशत है।

 जे पी दलाल ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। वृद्धावस्था सम्मान भत्ता और संबंधित पेंशन को बढ़ाकर 3000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है, जो देश में सबसे अधिक है। लाभार्थियों की कुल संख्या भी बढ़कर लगभग 32 लाख हो गई है। इसी तरह, कई सामाजिक सुरक्षा पेंशनों के लिए बजट प्रावधान बढ़ाकर लगभग 12,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो 2024-25 के कुल बजट का 6.30 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2021-22 और 2022-23 के लिए नवंबर 2022 में 250 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया था, जो कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं पर किए गए कुल व्यय 8821.16 करोड़ रुपये का 2.83 प्रतिशत है।

 उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि भारत सरकार से अनुरोध है कि या तो भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता की दर बढ़ाई जाए या इस मद में राज्य का बोझ साझा किया जाए।

दिल्ली को मानदंडों के अनुसार पर्याप्त पानी की आपूर्ति कर रही सुनिश्चित

जे पी दलाल ने कहा कि हरियाणा एनसीआर का अभिन्न अंग है, क्योंकि राज्य का 57 प्रतिशत भूभाग (14 जिले) एनसीआर में आता है। वर्तमान में, एनसीआर की बुनियादी ढांचे, जलापूर्ति और स्वच्छता, शहरी विकास और कनेक्टिविटी आवश्यकताओं की मांग को पूरा करने के लिए अपने सीमित संसाधनों से काफी मात्रा में संसाधन खर्च किए जा रहे हैं। हरियाणा सरकार दिल्ली को मानदंडों के अनुसार पर्याप्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करती है। इसके अलावा, राज्य को अपने एनसीआर क्षेत्र के अनियंत्रित और तेजी से बढ़ते शहरीकरण के कारण प्रदूषण के स्तर, भूजल स्तर में गिरावट आदि को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त राशि खर्च करनी पड़ती है। इसके लिए राज्य सरकार एनसीआर के लिए अनुदान सहायता के अतिरिक्त आवंटन की मांग करती है।

एनसीआर में परियोजनाओं के क्रियान्वयन भारत सरकार करे हरियाणा को सहयोग

  जे पी दलाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने एनसीआर क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करने के लिए दिल्ली के आसपास केएमपी एक्सप्रेस विकसित किया है। कुंडली-मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ ही पलवल से सोनीपत तक संशोधित अनुमानित लागत 11,600 करोड़ रुपये की लागत की 122 किलोमीटर की हरियाणा रेल ऑर्बिटल कॉरिडोर की प्रमुख परियोजना पर भी काम चल रहा है। 1000 एकड़ के क्षेत्र में नारनौल में एकीकृत मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब, सोनीपत के गन्नौर में इंडिया इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर मार्केट, क्षेत्रीय रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में दिल्ली-पानीपत फास्ट रेल कॉरिडोर एनसीआर में कार्यान्वित की जा रही अन्य प्रमुख परियोजनाएं हैं। इसलिए, भारत सरकार द्वारा एनसीआर में इन प्रमुख परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए हरियाणा को विशेष अनुदान सहायता देने पर विचार किया जाए।

 उन्होंने कहा कि पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना को भविष्य में भी जारी रखा जाना चाहिए, क्योंकि यह राज्यों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए प्रोत्साहन देता है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस योजना के तहत राज्य को आवंटन जीएसटी संग्रह में राज्य के लगभग 6 प्रतिशत योगदान या 2023-24 में राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 3.7 प्रतिशत के योगदान के आधार पर बढ़ाया जा सकता है।

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