Wednesday, May 21, 2025
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रोहतक में अनकंट्रोल डेंगू, सरकारी अस्पताल खाली, निजी फुल, सरकार छुपा रही असल आंकड़े

प्राइवेट अस्पतालों में दाखिल मरीजों के अभिभावकों से बातचीत में पता चला कि वे अपने मरीजों को हालत बिगड़ने के दौरान पीजीआई रोहतक लेकर गए थे। टेस्ट के बाद दवा लिख कर वापिस भेज दिया गया जबकि मरीज में मात्र 15 हजार प्लेटलेट्स की टेस्ट के दौरान पुष्टि हुई थी। ऐसे में मरीज को प्राइवेट अस्पताल में लेकर आना उनकी मजबूरी हो गई।

रोहतक। रोहतक में डेंगू भयावह रूप लेता जा रहा है। सरकार डेंगू पर आंकड़े छिपा रही है लेकिन फिर भी प्रदेश में सबसे ज्यादा 158 मरीज रोहतक में हैं। सरकारी अस्पतालों में मरीज नहीं है लेकिन निजी अस्पतालों में डेंगू पेशेंट की भरमार है। कोई निजी अस्पताल ऐसा नहीं है जिसमे डेंगू के पेशेंट भर्ती नहीं हो। इस समय निजी अस्पतालों की चांदी ही चांदी है।यह आंकड़ा प्रदेश भर के अन्य जिलों में सबसे अधिक हो गया है। दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा मरीज जींद जिले में बताए जा रहे हैं।

वहीं स्वास्थ्य विभाग ने ओवर चार्जिंग रोकने के लिए प्राइवेट हॉस्पिटलों में प्लेटलेट्स और डेंगू टेस्ट के लिए रेट तय कर दिए हैं। प्लेटलेट्स के दाम 11000 रुपए प्रति यूनिट निश्चित किए हैं। डेंगू टेस्ट के लिए 600 रुपए तय किए हैं। रोहतक सीएमओ डॉ. अनिल बिरला ने कहा कि अगर कोई ज्यादा वसूली करता है तो सीएमओ दफ्तर में कंप्लेंट की जा सकती है। पीजीआई में हरियाणा के मरीजों को मुफ्त प्लेटलेट्स मिलेंगी।

सिविल अस्पताल के डेंगू वार्ड में खाली पड़े बेड

सरकारी आंकड़ों में डेंगू के अधिक मरीज नहीं हैं। रोहतक के सिविल अस्पताल में भी एक मरीज और पीजीआई रोहतक में भी एक ही मरीज भर्ती है। जबकि निजी अस्पतालों में मरीजों की भरमार है। डाक्टर उनका इलाज भी कर रहे हैं। ब्लड बैंक से रक्त भी लिया जा रहा है। लेकिन अस्पताल स्वास्थ्य विभाग को खबर नहीं कर रहे। ऐसा पकड़े जाने पर उनका लाइसेंस निरस्त हो सकता है। जिले में अभी तक सिर्फ 158 डेंगू के संक्रमित पुष्ट हुए हैं। यह सरकारी आंकड़े हैं जबकि निजी अस्पतालों और क्लीनिक में काफी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं।

निजी पैथोलाजी में जांच भी कराई जा रही हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग को खबर नहीं मिल रही। शहर की इक्का-दुक्का बड़ी लैब को छोड़ दिया जाए तो सभी लैब इसे छिपा रही हैं। अस्पताल भी पचड़े में नहीं पड़ना चाहते। इसीलिए मरीजों की सही संख्या का पता नहीं चल रहा। जबकि स्वास्थ्य विभाग के साफ निर्देश हैं कि संक्रमित के अलावा संदिग्ध मरीज की भी सूचना तत्काल दी जाए।

प्राइवेट अस्पताल में भर्ती मरीज

वहीँ प्राइवेट अस्पतालों में दाखिल मरीजों के अभिभावकों से बातचीत में पता चला कि वे अपने मरीजों को हालत बिगड़ने के दौरान पीजीआई रोहतक लेकर गए थे। टेस्ट के बाद दवा लिख कर वापिस भेज दिया गया जबकि मरीज में मात्र 15 हजार प्लेटलेट्स की टेस्ट के दौरान पुष्टि हुई थी। ऐसे में मरीज को प्राइवेट अस्पताल में लेकर आना उनकी मजबूरी हो गई।

राजीव कलोनी में जलभराव दिखाता युवक

आखिर रोहतक में डेंगू इतना अधिक क्यों फ़ैल रहा है। क्या डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर सरकार की पहले से तैयारियां नाकाफी थीं। इसी को लेकर गरिमा टाइम्स ने लोगों से उनकी राय जानी। बातचीत में लोगों ने स्पष्ट किया कि डेंगू के जो लगातार मामले सामने आ रहे हैं, उसके लिए सरकार जिम्मेदार है। जबकि, कुछ लोगों का कहना है कि डेंगू से निपटने के लिए वे साफ सफाई से संतुष्ट नहीं हैं। पिछले दिनों हुई बारिश से जगह जगह पानी भरा हुआ है जिसमे डेंगू के मच्छर पनप रहे हैं। वहीं, अधिकतर लोगों का कहना है कि डेंगू के असल आंकड़ों को छुपाया जा रहा है।

लोगों ने कहा कि डेंगू को लेकर ये कोई नहीं बात नहीं है। हर साल सरकार डेंगू को लेकर ऐसा ही हाय तौबा मचती है। स्वास्थ्य विभाग ने पहले से डेंगू से निपटने की कोई तैयारियां नहीं की। कीटनाशक व फॉगिंग के नाम पर संबंधित विभागों की ओर से महज औपचारिकताएं की जा रही है। डेंगू निवारण के लिए कोई साफ सफाई नहीं की गई है। विभाग डेंगू के गलत आंकड़े पेश कर रहा है, जबकि सच्चाई कुछ और है।

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