रोहतक। बिना सेफ्टी किट के टैंकों की सफाई के दौरान जहरीली गैस चढ़ने की वजह से कई हादसे हो चुके हैं लेकिन फिर भी प्रशासन की आँखे नहीं खुलती। इसी वजह से आज रोहतक पीजीआई के दो कर्मचारियों की जान पर बन आई जब वे झज्जर जिला के डीघल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) स्थित पानी के टैंक में सफाई के लिए उतरे।
दोनों कर्मचारियों को एकदम से जहरीली गैस चढ़ गई। जिसके कारण दोनों युवक टैंक में ही गिर गए। इसका पता लगते ही वहां मौजूद अन्य कर्मचारियों में हड़कंप मच गया और उन्होंने दोनों को टैंक से बाहर निकाला। लेकिन तब तक उनकी हालत गंभीर हो चुकी थी। जिसके बाद उन्हें रोहतक पीजीआई में भर्ती करवाया गया है।
दोनों की की पहचान रोहतक की काठ मंडी निवासी करीब 30 वर्षीय अजय व गांव बसाना निवासी करीब 32 वर्षीय संदीप के रूप में हुई है। दोनों ही कौशल रोजगार निगम के तहत लगे हुए हैं। अजय सीवरमैन के पद पर तैनात है और संदीप प्लंबर हेल्पर के पद पर तैनात है। जिनकी ड्यूटी रोहतक पीजीआई में लगी हुई है।
रोहतक पीजीआई के प्लंबर के पद पर तैनात दिनेश ने बताया कि उन्हें जबरन डीघल सीएचसी में लेकर गए थे। उसके साथ अजय व संदीप भी थे। दोनों को ठेकेदार व सुपरवाइजर ने जबरन पानी के टैंक में उतार दिया। अंदर गैस होने के कारण दोनों को चक्कर आ गए और नीचे गिर गए। जिसके बाद अन्य लोगों की मदद से दोनों को बाहर निकाला गया।
सीवरमैन इकाई सफाई कर्मचारी संघ के प्रधान सुनील ने बताया कि दोनों को जबरन टैंक की सफाई के लिए उतारा गया और कोई सेफ्टी किट भी नहीं दी गई। इस वजह से कर्मचारी भड़के हुए हैं। कौशल रोजगार निगम के तहत लगे कर्मचारियों को जबरन बाहर का काम करवाया जाता है। उन्हें नौकरी से हटाने की धमकी देते हैं। जिसके कारण मजबूरन वे अपनी जान को जोखिम में डालकर यह काम कर रहे हैं। सेफ्टी उपकरण भी नहीं दिए जाते।
सीवरमैन इकाई सफाई कर्मचारी संघ के प्रधान सुनील ने बताया कि कर्मचारियों को ड्यूटी क्षेत्र से बाहर काम करवाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जेई ने ठेकेदार के पैसे बचाने के लिए पीजीआई के कर्मचारियों को डीघल सीएचसी में भेजा है। नौकरी से हटाने की धमकी देते रहते हैं। जिसे किसी भी हाल में सहन नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने जेई व ठेकेदार सहित अन्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।