Varuthini Ekadashi 2025: आज वरूथिनी एकादशी और गुरुवार दोनों का व्रत है. हर साल बैसाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरूथिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. जो भी भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और सच्चे मन से पूजा करते हैं उनको उसको जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
Varuthini Ekadashi 2025: वरूथिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
वरुथिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त इस वर्ष 24 अप्रैल, गुरुवार को है. यह व्रत 23 अप्रैल को शाम 4:43 बजे प्रारंभ होकर 24 अप्रैल को दोपहर 2:32 बजे समाप्त होगा. पूजा की मुहूर्त- सुबह 4 बजकर 20 मिनट से दोपहर 3 बजकर 56 मिनट तक
वरूथिनी एकादशी पूजा विधि
आज स्नान करने के पश्चात् एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखें और चारों तरफ गंगाजल से छिड़काव करें. इसके बाद पंतामृत से अभिषेक करें और चंदन, अक्षत, रोली, धूप, फूल, तुलसी आदि पूजा से संबंधित चीजें अर्पित कर दें. इसके बाद विष्णु सहस्रनाम या नारायण कवच का पाठ करें. फिर कपूर और गाय के घी का दीपक जलाकर आरती करें.
इस दिन का महत्व
वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से सभी तरह के दुख, कष्ट व दरिद्रता दूर होती है. पद्म पुराण में वर्णन किया है कि इस व्रत को करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं. इस दिन व्रत करके दान पुण्य करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों का शुभ फल प्राप्त होता है. ऐसा माना जाता है कि जितना पुण्य स्वर्ण दान, हजारों वर्षों की तपस्या या कन्यादान करने से मिलता है, उससे अधिक फल वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से मिलता है.