Doppler radar : हर साल उत्तराखंड में बारिश की वजह से भारी तबाही मच जाती है जिसके कारण आम जन जीवन बहुत अधिक प्रभावित होता है. ऐसी परिस्थिति में मौसम विभाग विज्ञान केंद्र मौसम की अधिक सटीक जानकारी देने के लिए तीन और डाॅप्लर रडार लगाने की तैयारी कर रहा है. इन रडार की सहायता से बादल फटने या फिर अतिवृष्टि को लेकर पूर्वानुमान जारी हो जाएगा. जिससे समय रहते सुरक्षात्मक कदम उठाने में मदद मिलेगी.
Doppler radar : कहां पर लगाए जायेंगे डॉप्लर रॉडर
वर्तमान में उत्तराखंड में पहाड़ी इलाके जैसे लैंसडाउन, मुक्तेश्वर, सुरकंडा में डॉप्लर रडार लगे हुए हैं. मौसम विभाग भी अभी तक पहाड़ों में होने वाली बारिश का अनुमान लगाने का ही प्लान बना रहा है. लेकिन पहली बार हरिद्वार और उधम सिंह नगर जैसे जिलों में भी मौसम विज्ञान केंद्र डॉप्लर रडार लगाने की योजना बना रहा है. इस योजना पर काम शुरू भी हो चुका है.
इसको लेकर मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि पहाड़ के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी हो रही बारिश बादल फटने की घटना होती है. इन इलाकों में भी डॉप्लर रडार लगाने की योजना है. उन्होंने बताया डॉप्लर रडार 100 किलोमीटर के दायरे में काम करता है. यानी जहां भी यह लगेगा उसके आसपास के 100 किलोमीटर का इलाके के मौसम जुड़ी जानकारी का अपडेट लिया जा सकेगा. बहुत ही जल्द चमोली, उधम सिंह नगर और हरिद्वार में डॉप्लर रडार लगाने का काम शुरू हो जाएगा.
जानिए कैसे काम करता है रडार
आपको बता दें कि डॉप्लर रडार रेडियो की तरंगों की तरह काम करता है. ये बारिश, आंधी-तूफान और मौसम में होने वाले हर परिवर्तन की तुरंत पहचान करके रडार रिपोर्ट आगे भेजता है. जिसके बाद मौसम विज्ञान केंद्र लोगों को सटीक मौसम की जानकारी और अलर्ट जारी करता है.