आज के दौर में लड़कियों को हेयर स्ट्रेटनिंग और कलरिंग कराने का बहुत ज्यादा शौक है। यंग लड़कियां ही नहीं बल्कि हर उम्र के लोग इस फैशन ट्रैंड को अपना रहे हैं। लेकिन हाल ही में डॉक्टर ने हेयर स्ट्रेटनिंग, कलरिंग और हेयर स्मूथिंग को लेकर ऐसी वार्निंग दी है जिसे सुनकर आप भी घबरा जायेंगे।
हाल ही में FDA (Food and Drug Administration) ने कैंसर की रोकथाम के लिए कहा है कि बालों को सिल्की बनाने वाली चीजों का इस्तेमाल कम से कम करें। ऐसे प्रोडक्ट में फॉर्मेल्डिहाइड और फॉर्मेल्डिहाइड-रिलीजिंग कैमिकल्स (formaldehyde and formaldehyde-releasing chemicals) होते हैं जिसकी वजह से कैंसर का खतरा बढ़ता है।
हेयर स्ट्रेटनिंग और कलरिंग से कैंसर का खतरा
हेयर स्ट्रेटनिंग में बालों को स्मूथ और सिल्की बनाने के लिए खास प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें फॉर्मेल्डिहाइड और फॉर्मेल्डिहाइड-रिलीजिंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है। बालों को सीधा करने वाले प्रोडक्ट के इस्तेमाल से थोड़े टाइम के लिए सीधा तो हो जाता है लेकिन यह कई सारी गंभीर समस्याओं को जन्म देती है। फॉर्मेल्डिहाइड के धुएं से आंख, नाक और गले में जलन पैदा होता है।
हेयर प्रोडेक्ट के इस्तेमाल से महिलाओं में कैंसर का खतरा
डॉक्टर्स का कहना है कि ज्यादा हेयर प्रोडेक्ट्स का इस्तेमाल करने से महिलाओं में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इससे महिलाओं में गर्भाशय कैंसर हो सकता है। केमिकल के इस्तेमाल के बाद जो धुआं निकलता है उससे गर्भाशय कैंसर का खतरा बढ़ता है।
वहीं बालों में कलर करने से ब्लैडर कैंसर का खतरा भी बढ़ता है। हेयर ड्राई के लगभग 80 प्रतिशत प्रोडक्ट हाइड्रोजन पेरोक्साइड से बनता है जो कि कार्सिनोजेनिक फॉर्मूलेशन है। ये ब्लैडर कैंसर को बढ़ावा देता है।
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