Kamada Ekadashi 2025: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. यह हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी होती है. इस एकादशी का व्रत रखने और पूजन करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. यह व्रत पिशाचत्व आदि दोषों का भी नाश करता है. इस साल 8 अप्रैल 2025 को कामदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
Kamada Ekadashi 2025: कामदा एकादशी शुभ योग और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचाग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि आज रात 8 बजे से शुरु हो रही है. तिथि का समापन कल 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट पर हो जाएगा. उदया तिथि के अनुसार कल कामदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
कामदा एकदाशी पर रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा. आश्लेषा और मघा नक्षत्र का निर्माण होगा. वणिज और बव करण का भी संयोग बनेगा. कल ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 32 मिनट पर शुरु होगा. ये मुहूर्त 5 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा. ये मुहूर्त 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. इन दोनों ही मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा की जा सकती है.
कामदा एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से सारे पाप खत्म हो जाते हैं. यदि हमने कभी जाने-अनजाने में जो पाप किए हैं वो भी खत्म हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथ ही कामदा एकादशी के व्रत से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य मिलता है, परिवार में सुख-समृद्धि रहती है, पारिवारिक समस्याएं दूर होती हैं, पिशाचत्व आदि दोषों का नाश होता है. कामदा एकादशी व्रत के कई लाभ हैं.
कैसे करें पूजा
कामदा एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लेना चाहिए. इसके बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए. फिर भगवान विष्णु का ध्यान लगाकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. फिर चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखनी चाहिए. पंचामृत से स्नान आदि कराकर वस्त्र पहनाना चाहिए. भगवान के समक्ष धूप-दीप जलाना चाहिए. फिर चंदन, जनेऊ, गंध, अक्षत, पुष्प, तिल, नैवेद्य, ऋतुफल, पान, नारियल, आदि चढ़ाना चाहिए. ॐ नमो भगवते वासुदेवायऔर भगवान के अन्य मंत्रों का जाप करना चाहिए. कामदा एकादशी की कथा पढ़नी या सुननी चाहिए. आखिरी में आरती कर पूजा का समापन करना चाहिए.