चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में ‘अपराध के लिए जीरो टोलरेंस’ की नीति पर काम रही है। अपराधों से निपटने के लिए विशेष इकाइयों का गठन किया है तथा पुलिस बल का आधुनिकीकरण किया जा रहा है।मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह जानकारी हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में दी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं में वर्ष 2024 में 19.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। वर्ष 2023 में जहाँ 11,814 मामले दर्ज किये गए, वहीं वर्ष 2024 में कुल 9,488 मामले दर्ज किए गए। महिलाओं को प्रभावित करने वाले अपराधों में उल्लेखनीय कमी आई है।
उन्होंने बताया कि बलात्कार के मामलों में 23.3 प्रतिशत की कमी आई है। इसके अलावा, सामूहिक बलात्कार की घटनाओं में 19.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले वर्ष 141 मामलों के मुकाबले वर्ष 2024 में 113 मामले दर्ज किए गए।
हत्या के मामलों की संख्या घटकर 966 रह गई
मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि वर्ष 2024 में हत्या के मामलों की संख्या घटकर 966 रह गई, जो 2023 में 1,061 मामले थे
इसी तरह, एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामलों में 30.7 प्रतिशत की उल्लेखनीय गिरावट देखी गई, जो वर्ष 2023 में हुए 1,514 मामलों की तुलना में वर्ष 2024 में 1,049 मामले हुए।
मुख्यमंत्री ने अपराध दर में इस समग्र कमी का श्रेय पुलिस कर्मियों की बढ़ी हुई उपस्थिति के साथ-साथ सतर्क निगरानी और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए गये अथक प्रयासों को दिया। वर्ष 2019 से दिसंबर 2024 के बीच, हरियाणा में कुल 119,011 एफआईआर दर्ज की गईं, जिनमें हत्या, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, अपहरण, डकैती, लूट, महिलाओं के खिलाफ अपराध और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को निशाना बनाने वाले अपराध शामिल हैं। उन्होंने आगे बताया कि वर्ष 2019 से 2024 तक दर्ज 6,338 हत्या के मामलों में से 95.23 प्रतिशत का निपटारा किया गया, जिसमें 12,966 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इसी तरह, इसी अवधि के दौरान दर्ज 22,994 अपहरण के मामलों में से 97.67 प्रतिशत का समाधान किया गया। डकैती के मामलों में, पिछले पांच वर्षों में 2,594 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 2,491 मामलों को सुलझाया गया। इसी प्रकार महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 68030 में से 66806 मामलों को सुलझाया गया है जो कि 98.20 प्रतिशत है।
इसके अलावा, वर्ष 2019 और वर्ष 2024 के बीच एससी/एसटी अधिनियम के तहत दर्ज 7,779 मामलों में से 97.15 प्रतिशत का भी निपटारा कर दिया गया है।