चंडीगढ़ : हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने “स्पेशल टास्क फ़ोर्स” के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गर्भपात के मामलों में “रिवर्स-ट्रैकिंग” को ज्यादा प्रभावी बनाएं ताकि अवैध गर्भपात करने वाले दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जा सके। उन्होंने 31 अक्तूबर 2025 तक लिंगानुपात 905 से बढ़कर 913 होने पर संतोष जाहिर करते हुए इसमें और अधिक बढ़ोतरी के लिए प्रोत्साहित किया।
सुधीर राजपाल यहां अवैध गर्भपात रोकने के लिए गठित “स्पेशल टास्क फ़ोर्स” की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. वीरेंद्र दहिया समेत “स्पेशल टास्क फ़ोर्स” के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने यह भी कहा कि “रिवर्स-ट्रैकिंग” के दौरान अवैध गर्भपात के दोषियों के खिलाफ एफआईआर अवश्य दर्ज करवाई जाए और सबूत एकत्रित करके दोषियों को सज़ा दिलवाई जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोई केस निचली अदालत में डिसमिस हो जाता है तो सिविल सर्जन द्वारा उस केस के लिए ऊपरी अदालत में अपील की जानी चाहिए ताकि दोषी व्यक्ति सजा से बच न सके। उन्होंने लीगल ऑफिसर को उक्त मामलों पर नजर रखने के निर्देश दिए कि वे सुपरविजन करें कि किसी मामले में ढिलाई तो नहीं बरती जा रही।
उन्होंने एमटीपी किट की अवैध बिक्री को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में लिंगानुपात में सुधार के लिए सभी को एकजुटता से कार्य करना होगा।
उन्होंने कहा कि बीएएमएस डॉक्टर को एमटीपी के माध्यम से गर्भपात करने की अनुमति नहीं है, अगर कोई डॉक्टर इसमें शामिल पाया गया तो उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। अगर रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बाद भी वे पुनः उक्त मामले में दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए।
सुधीर राजपाल ने पिछले वर्ष जनवरी से 31 अक्तूबर 2024 तक 905 के मुकाबले इस वर्ष 31 अक्तूबर 2025 तक 913 लिंगानुपात की बढ़ोतरी होने पर संतोष तो जाहिर किया लेकिन इसमें और अधिक सुधार करने के लिए प्रेरित भी किया।

