Wednesday, June 4, 2025
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पंचायती राज एक्ट में संशोधन के अध्यादेश को प्राप्त नहीं हुई मंजूरी

Panchayati Raj: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव लेकर असमंजस बना हुआ है. 10760 त्रिस्तरीय पंचायतें अभी खाली ही रहेंगी. दरअसल, प्रदेश की पंचायतों में प्रशासकों की पुनर्नियुक्ति संबंधी अध्यादेश को राजभवन ने बिना मंजूरी लौटा दिया गया है. इस अध्यादेश का राजभवन की ओर से विधिक परीक्षण करवाया गया था जिसमें कुछ त्रुटियां मिली थी जिसके कारण राजभवन ने इस अध्यादेश को लौटा दिया है.

Panchayati Raj:  त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल समाप्त 

त्रिस्तरीय पंचायतों में नवंबर 2024 में कार्यकाल समाप्त होने के बाद पंचायतों को प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था. ये निर्णय लिया गया था कि प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होते ही चुनाव करवाये जायेंगे. अब पंचायतों में तैनात प्रशासकों का भी कार्यकाल समाप्त हो चुका है लेकिन चुनाव को लेकर असमंजस बरकार है. 28 मई को ग्राम पंचायत, 30 मई को क्षेत्र पंचायत और 1 जून को जिला पंचायतों मैं तैनात प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने पर आनन-फानन में पंचायती राज विभाग की ओर से पंचायती राज संशोधन एक्ट के अध्यादेश को राजभवन भेजा गया था.

राज्यपाल के सचिव रविनाथ रामन के ने जानकारी दी कि विधायी विभाग की आपत्ति का निपटारा किए बिना इसे राजभवन भेजा गया. जिसे विधायी को वापस भेज दिया गया है. इसमें कुछ चीजें स्पष्ट नहीं हो रही थीं, इसके बारे में पूछा गया है. इसमें विधायी ने कुछ मसलों को उठाया था. राजभवन ने इसका विधिक परीक्षण किए जाने के बाद इसे लौटाया है.

 

10760 त्रिस्तरीय पंचायतें मुखिया विहीन

उत्तराखंड की हरिद्वार की 318 ग्राम पंचायतों को छोड़कर 7478 ग्राम पंचायतें, 2941 क्षेत्र पंचायतें और 341 जिला पंचायतें मुखिया विहीन हो गई हैं. पंचायतों में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है.

 

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