Rudranath Mandir: रुद्रनाथ मंदिर के खुलने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है. बुधवार को रुद्रनाथ भगवान की विग्रह मूर्ति गोपीनाथ मंदिर गर्भगृह से मंदिर परिसर में विराजमान हो गयी है. दो दिनों तक श्रद्धालु भगवान की डोली की पूजा-अर्चना करेंगे. 18 मई को ब्रह्म मुहूर्त में पूरे विधि-विधान के साथ रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खोले जायेंगे. कपाट खुलने के बाद श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे.
Rudranath Mandir: गोपीनाथ मंदिर में विशेष पूजा आयोजित
बुधवार को गोपीनाथ मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया गया. इस दौरान भक्तों के बम-बम भोले के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा. रुद्रनाथ मंदिर के पुजारी सुनील तिवारी ने बताया कि 16 मई को रुद्रनाथ की चल विग्रह डोली गोपीनाथ मंदिर से प्रस्थान कर रात्रि प्रवास के लिए पुंग बुग्याल पहुंचेगी. फिर 17 मई की सुबह पुंग बुग्याल से चल विग्रह डोली रुद्रनाथ मंदिर के लिए प्रस्थान कर रात्रि विश्राम के लिए रुद्रनाथ धाम पहुंचेगी.
छह माह के लिए खुलेंगे मंदिर के कपाट
18 मई को ब्रह्म मुहूर्त में विधि विधान के साथ रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे. छह महीने तक श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट खोले जायेंगे.
शीतकाल में गोपीनाथ मंदिर में होती है पूजा
चतुर्थ केदार श्री रुद्रनाथ धाम के कपाट शीतकाल में बंद हो जाते हैं तब भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में विराजमान होती है. यहीं पर शीतकाल के छह माह में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं.
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140 श्रद्धालु ही जा सकेंगे मंदिर
रुद्रनाथ मंदिर जाने वाले सभी श्रद्धालुओं को पंजीकरण करवाना अनिवार्य है. केदारनाथ वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी तरुण एस ने कहा कि पंच केदारों में चतुर्थ केदार श्री रूद्रनाथ यात्रा को व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए यात्रा मार्ग से लगे सगर, ग्वाड़, गंगोलगांव, सिरोली एवं कुजौं गांव में पारिस्थिति की विकास समितियों का गठन किया गया है. बीते वर्षों की रुद्रनाथ यात्रा पर गए श्रद्धालुओं की संख्या और संरक्षित क्षेत्र के पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुए इस साल प्रतिदिन 140 श्रद्धाओं की संख्या निर्धारित की गई है. ऐसे में यात्रा के लिए केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने यात्रियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए https://kedarnathwildlife-uk-gov-in/ वेबसाइट तैयार की है.