दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब घोटाले के सीबीआई से जुड़े मामले में दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है। स्पेशल जज विशाल गोगने ने इस मामले में लालू प्रसाद यादव, बेटे तेज प्रताप यादव, बेटी हेमा यादव को समन जारी किया है। इससे पहले कोर्ट ने 21 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में सीबीआई ने 30 जनवरी को कोर्ट को बताया था कि पूर्व लोकसेवक आरके महाजन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए स्वीकृति मिल गई है।
यहीं ये भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि लैंड फॉर जॉब घोटाले में जो 78 आरोपी हैं, इनमें से 30 सरकारी कर्मचारी हैं। कोर्ट ने हेमा और तेज प्रताप यादव को भी इस केस में समन जारी किया है। अदालत ने कहा है कि समन के मुताबित इन सभी लोगों को 11 मार्च को पेश होना होगा।
लालू यादव से की गई थी पूछताछ
20 जनवरी 2024 को ईडी की दिल्ली और पटना टीम के अधिकारियों ने लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव और तेजस्वी यादव से करीब 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। ईडी सूत्रों के अनुसार, लालू यादव से उस समय करीब 50 से अधिक सवाल किए गए थे। उन्होंने अधिकारियों के अधिकतर सवालों के जवाब हां या ना में ही दिए थे। पूछताछ के दौरान कई बार लालू यादव झल्ला भी गए थे। वहीं, तेजस्वी यादव से 30 जनवरी 2024 को लगभग 10-11 घंटे की पूछताछ हुई थी।
क्या है लैंड फॉर जॉब मामला?
“लैंड फॉर जॉब” घोटाला बिहार से जुड़ा एक बड़ा भ्रष्टाचार मामला है, जिसमें आरोप है कि रेलवे में नौकरियां देने के बदले जमीन ली गई। यह घोटाला उस समय का बताया जाता है जब लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे (2004-2009)। इस मामले में उनके परिवार के सदस्यों, खासतौर पर उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव पर भी आरोप लगे हैं।
आरोप है कि रेलवे में ग्रुप D और अन्य पदों पर भर्ती के बदले गरीब लोगों से उनकी जमीनें बहुत कम दामों पर ली गईं या गिफ्ट के रूप में ट्रांसफर करवाई गईं। ये जमीनें लालू यादव और उनके परिवार से जुड़े लोगों के नाम पर ली गईं।
इस घोटाले में क्या आरोप हैं?
- रेलवे में नौकरी पाने वाले उम्मीदवारों से उनकी जमीनें ली गईं।
- ये ज़मीनें बेहद कम कीमत पर परिवार के नाम ट्रांसफर की गईं।
- बिना नियमों का पालन किए नौकरियां दी गईं।
- कई संपत्तियां कथित रूप से बेनामी संपत्तियों के रूप में दर्ज हैं।