हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि गन्ने की पैदावार को बढ़ाने पर अधिक बल देने के साथ-साथ किसानों को गन्ने की बुआई के लिए नई तकनीक का उपयोग करने के लिए जागरूक किया जाए। साथ ही सहकारी चीनी मिलों को आधुनिक मशीनों से लैस कर, उनकी रिकवरी बढ़ाने व घाटे को कम किया जाए।
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने यह निर्देश गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक में अधिकारियों दिए। इस दौरान हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में जुडे।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय किस्म विमोचन समिति द्वारा उतर-पश्चिम क्षेत्र के लिए गन्ने के बीज की जो किस्में रिलीज की जाएगी, वह किस्में राज्य सरकार द्वारा भी मान्य होगी। इन किस्मों के लिए अलग से एचएयू से मान्यता लेने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को गन्ना के नए किस्मों के बीज के बारे में जानकारी दी जाए, ताकि गन्ने की पैदावार अधिक निकले और किसानों को अधिक लाभ मिले। जिससे मिलों की वर्तमान गन्ना किस्मों की तुलना में गन्ना व चीनी उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
राज्य की सहकारी चीनी मिलों द्वारा पिराई सीज़न 2024-25 का पूरा किया गया भुगतान
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि पिराई सीजन 2024-25 के दौरान राज्य की विभिन्न सहकारी चीनी मिलों द्वारा कुल 1278.50 करोड़ रुपये मूल्य का गन्ना पिराई हेतू खरीदा गया था, जिसका पूरा भुगतान सहकारी चीनी मिलों द्वारा किसानों को कर दिया गया है। इसके अलावा, निजी क्षेत्र की नारायणगढ़ चीनी मिल का पिछले पिराई सत्र की किसानों की बकाया राशि है, जो दिसम्बर, 2025 तक दे दी जाएगी। श्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि गन्नें की बुआई और कटाई के लिए नई तकनीक की मशीनों के उपयोग को बढ़ाने के लिए गन्ना किसानों को अधिक जागरूक किया जाए। ताकि किसानों का खर्चा कम और लाभ अधिक मिले।