हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि राज्य सरकार पराली एवं कृषि के अन्य अवशेषों का प्रबंधन करने के लिए “डीकम्पोजर वेटेबल पाउडर” का उपयोग करेगी, इससे जहां अवशेषों को जलाने से मुक्ति मिलेगी वहीं यह पाउडर भूमि की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाने में भी सहयोगी साबित होगा। सरकार ने ” हाई पॉवर परचेज कमेटी” की बैठक में पूसा डीकम्पोजर वेटेबल पाउडर के 75000 पैकेट की खरीद की अनुमति दे दी है।
बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा , एवं प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा इस बैठक से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।
श्याम सिंह राणा ने बैठक के बाद जानकारी दी कि पूसा डीकम्पोजर वेटेबल पाउडर के 75,000 पैकेट की खरीद की अनुमति प्रदान की गई है। इन पैकेटों को किसानों को निःशुल्क उपलब्ध करवा जाएगा। एक एकड़ में एक पैकेट के हिसाब प्रथम चरण की खरीद से राज्य में 75,000 एकड़ धान-क्षेत्र में फसल अवशेषों को प्रबन्धित किया जा सकेगा।
फसल अवशेष जलाने की धटनाओ में कमी आएगी
राणा ने बताया कि सरकार के इस कदम से फसल अवशेष जलाने की धटनाओ में कमी आएगी तथा भूमि की उपजाऊ शक्ति में भी वृद्वि होगी , जिससे किसानों की आय बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस तकनीक को प्रदर्शन हेतु प्रयोग किया जा रहा है। इसके परिणामों के आकलन के आधार पर इस तकनीक को अगले वर्ष उसी अनुसार लागू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यह “डीकम्पोजर वेटेबल पाउडर” पराली, सब्जियों के अवशेष और अन्य कृषि कचरे को कुछ ही दिनों में विघटित करके उच्च गुणवत्ता वाली खाद में बदल देता है। यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है और उसमें जैविक कार्बन की मात्रा में वृद्धि करता है।
कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि यह पाउडर एक पौधा संरक्षण एजेंट के रूप में भी काम करता है, जो मिट्टी में मौजूद कवक-जनित रोगों और कीटों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसका उपयोग रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता को कम करता है, जिससे खेती की लागत घटती है।

