लोक निर्माण एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने कर्मचारियों द्वारा अपनी ड्यूटी के प्रति सजगता ना दिखाने पर नाराजगी जाहिर की है। मामला पीडब्लूडी बीएंडआर विभाग में तैनात करीब 3 हजार बेलदारों में से जुड़ा है।
दरअसल, विभाग की रिव्यू बैठक और फील्ड से कैबिनेट मंत्री गंगवा को पता चला हैं कि पीडब्लूडी बीएंडआर विभाग में तैनात करीब 3 हजार बेलदारों में से कई कर्मचारी अपने नियमित दायित्वों से बचते हुए काम में लापरवाही बरत रहे हैं। इससे न केवल विभागीय प्रोजेक्ट्स में देरी हो रही है, बल्कि राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, कई कर्मचारी तो बेलदार की तय यूनिफॉर्म का इस्तेमाल भी इसलिए नहीं कर रहे कि उन्हें काम के लिए टोक ना दिया जाए। गंगवा ने कहा कि इनकी सुपरविजन करने वालों की भी कहीं ना कहीं लापरवाही हैं, जो अब तक इन पर एक्शन नहीं लिया गया हैं। उन्होंने ऐसे अधिकारियों को सभी पर सख़्ती करने के निर्देश दिए है, साथ ही चेतावनी दी हैं कि इस मामले को गंभीरता से लें।
मंत्री रणबीर गंगवा ने इस स्थिति को अत्यंत गंभीर बताते हुए सभी अधीक्षण अभियंता , कार्यकारी अभियंता , उपमंडल अभियंता और कनिष्ठ अभियंता को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी बेलदारों की ड्यूटी उपस्थिति, विनिर्दिष्ट यूनिफॉर्म (पीडब्ल्यूडी लोगो सहित) और कार्य निष्पादन की सख्त निगरानी की जाए।
उन्होंने कहा कि यदि कोई बेलदार या अधिकारी आदेशों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके विरुद्ध तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सभी सर्कलों, डिवीजनों और उपमंडलों से 7 अगस्त 2025 तक अनुपालन रिपोर्ट मांगी गई है।
गंगवा ने कहा कि बेलदार का पद विभाग के लिए अहम होता हैं, लेकिन इनके द्वारा काम के प्रति लापरवाही दिखाना सही नहीं हैं। इससे जनता को ही परेशानी होगी, क्योंकि कुछ छोटे काम ऐसे होते हैं जो विभाग इनके द्वारा करवाता है। उन्होंने कहा कि अब लापरवाही और अनुशासनहीनता बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी अपने दायित्व से चूका, तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई होना तय हैं।
गंगवा ने तर्क दिया कि समय पर काम न करना न केवल विभाग की छवि को धूमिल करता है, बल्कि जनता के साथ धोखा भी है। अब हर हाल में जवाबदेही तय होगी। इसके लिए 7 अगस्त तक फील्ड से रिपोर्ट मांगी है, रिपोर्ट मिलने पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।”