चंडीगढ़ : हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने कहा कि लिंगानुपात सुधारने के मामले में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने साफ चेतावनी दी कि जिन जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) परफॉर्मेंस नहीं दिखा रहे, उनके खिलाफ विभाग सख्त कार्रवाई करेगा और उन पर लगातार नज़र रखी जा रही है।
उन्होंने वर्चुअल माध्यम से राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने सभी सीएमओ को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जिलों में सक्रिय रहते हुए फील्ड स्तर पर निगरानी को और मजबूत करें। साथ ही मुख्यालय के अधिकारियों को भी आदेश दिए कि वे जिलों को पूरा सहयोग प्रदान करें और ठोस कदम उठाएँ।
बैठक के दौरान बताया गया कि इस वर्ष एक जनवरी से 22 सितंबर तक राज्य का लिंगानुपात सुधरकर 907 हो गया है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 904 था। हालांकि जिलावार कुछ जिलों की परफॉर्मेंस नकारात्मक सामने आई है, इस सूची में प्रदेश के 11 जिले शामिल थे। इनमें चरखी दादरी, करनाल, सिरसा, हिसार, अंबाला, यमुनानगर, सोनीपत, कैथल, महेन्द्रगढ़, भिवानी तथा पलवल शामिल है।
इन जिलों में अन्य की तुलना में प्रदर्शन कमजोर पाया गया है और लिंगानुपात माइंस में है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इन जिलों के सीएमओ को स्पष्ट चेतावनी दी गई कि वे ठोस कार्ययोजना बनाकर जल्द से जल्द सुधारात्मक कदम उठाएँ।
बैठक में कैथल जिले के मामले पर भी चर्चा हुई, जिसमें एक सरकारी फार्मासिस्ट द्वारा अवैध रूप से एमटीपी किट बेचे जाने की शिकायत मिली थी। इस पर स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने सख्त रुख अपनाते हुए कैथल सीएमओ से कार्रवाई रिपोर्ट लेते हुए निर्देश दिए कि फार्मासिस्ट को तत्काल निलंबित किया जाए और उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि रिवर्स ट्रैकिंग की प्रक्रिया को और तेज किया जाए। स्वस्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अब तक 11 मामलों में कार्रवाई की जा चुकी है। बैठक में प्राइवेट चिकित्सकों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी ली गई। इसके साथ ही जिन जिलों के एसएमओ और सीएमओ अपेक्षित परिणाम नहीं दे पा रहे हैं, उनके खिलाफ विभागीय स्तर पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार इस विषय पर शून्य सहनशीलता की नीति अपना रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में सरकार कन्या भ्रूण हत्या रोकने और लिंगानुपात सुधारने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकार का लक्ष्य है कि हरियाणा को इस दिशा में एक आदर्श राज्य बनाया जाए और “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को और अधिक मजबूती दी जाए।
बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं (डीजीएचएस) डॉ. मनीष बंसल, डॉ कुलदीप सिंह, राज्य टास्क फोर्स के कन्वीनर डॉ. वीरेंद्र यादव सहित कई अधिकारी शामिल थे।