इस साल 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा होती है। 24 अक्टूबर को दशहरा के साथ नवरात्रि की समाप्ति हो जायेगी। आइए जानते हैं नवरात्रि के पहले दिन कलश की स्थापना कब की जायेगी।
शारदीय नवरात्रि पर कलश स्थापना की शुभ मुहूर्त
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 की रात 11:24 मिनट से शुरू होगी। ये तिथि 15 अक्टूबर की दोपहर 12:32 मिनट तक रहेगी। कलश स्थापना की शुभ मुहूर्त अभिजित मुहूर्त पंचांग के अनुसार सुबह 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 मिनट तक रहेगी।
कलश स्थापना की विधि
नवरात्रि के पहले दिन स्नान करने के पश्चात लाल रंग के कपड़े पहनकर शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना करें। कलश की स्थापना के लिए एक मिट्टी के पात्र में पवित्र मिट्टी रखें और उसमें जौ को बोएं। ईशान कोण में कलश स्थापना करना शुभ माना जाता है। पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। इस कपड़े पर मां दुर्गा की तस्वीर या फिर प्रतिमा को स्थापित करें।
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एक तांबे या मिट्टी के कलश में गंगा जल या स्वच्छ जल भरकर इसमें सिक्का, अक्षत सुपारी, लौंग के जोड़ा, दूर्वा घास, डालें। कलश के मुंह पर मौली बांधें। एक नारियल पर लाल चुनरी को मौली से बांध दें। कलश में आम के पत्ते लगाकर उसपर ये नारियल रखे दें। अब जौ वाले पात्र और कलश को मां दुर्गा की फोटो के दायीं ओर स्थापित कर दें। कलश स्थापना पूरी कर मां जगदंबा का आव्हान करें।
कलश स्थापना के लिए सामाग्री
- स्वच्छ मिट्टी
- मिट्टी या तांबे का कलश साथ में ढक्कन
- कलावा
- जौ बोने के लिए
- चौड़े मुंह वाला मिट्टी का पात्र
- लाल कपड़ा
- नारियल
- आम या अशोक के पत्ते
- सप्तधान्य (7 प्रकार के अनाज)
- मिठाई
- इत्र
- सिक्का
- अक्षत
- सुपारी
- गंगाजल
- दूर्वा
- लाल पुष्प
- सिंदूर
- लौंग
- इलाइची
- पान