Tuesday, September 2, 2025
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सेमीकॉन इंडिया-2025 : PM Modi बोले- भारत की सबसे छोटी चिप दुनिया के सबसे बड़े बदलाव की आधारशिला रखेगी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित यशोभूमि में भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्‍टम को गति प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित ‘सेमीकॉन इंडिया-2025’ का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, जितिन प्रसाद, दिल्ली की मुख्यमंत्री  रेखा गुप्ता, ओडिशा के मुख्यमंत्री  मोहन चरण माझी सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

कार्यक्रम में संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, वे कल रात ही जापान और चीन की अपनी यात्रा से लौटे हैं और आज आकांक्षाओं और आत्मविश्वास से परिपूर्ण यशोभूमि के इस परिसर में दर्शकों के बीच उपस्थित हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में अपनी जापान यात्रा के दौरान, उन्हें जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ टोक्यो इलेक्ट्रॉन कारखाने का दौरा करने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि उस कंपनी के सीईओ आज दर्शकों के बीच उपस्थित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी के प्रति उनका झुकाव उन्हें बार-बार ऐसे लोगों के बीच लाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दर्शकों के बीच उपस्थित होकर उन्हें अत्‍यंत प्रसन्‍नता का अनुभव हो रहा है।

दुनिया भर के 40 से 50 देशों के सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विशेषज्ञों की उपस्थिति को देखते हुए, मोदी ने कहा कि  भारत की नवाचार और युवा शक्ति भी इस कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से उपस्थित है। उन्होंने कहा कि यह अनूठा संयोजन एक स्पष्ट संदेश देता है कि दुनिया भारत पर भरोसा करती है, दुनिया भारत में विश्वास करती है और दुनिया भारत के साथ सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि विकास की यह गति भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर कर रही है। सेमीकंडक्टर की दुनिया में अक्सर कहा जाता है कि ‘तेल काला सोना था, लेकिन चिप डिजिटल हीरे हैं’, इस कथन पर अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तेल ने पिछली सदी को आकार दिया और दुनिया का भाग्य तेल के कुओं से तय होता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव इस बात पर निर्भर करता था कि इन कुओं से कितना पेट्रोलियम निकाला गया। हालांकि, 21वीं सदी की शक्ति अब छोटी चिप में केंद्रित है। आकार में छोटे होने के बावजूद, ये चिप वैश्विक प्रगति को तेज़ी से बढ़ाने की क्षमता रखते हैं।

सेमीकंडक्टर क्षेत्र में गति के महत्व पर ज़ोर देते हुए श्री मोदी ने कहा कि फ़ाइल से फ़ैक्टरी तक का समय जितना कम होगा और कागजी प्रक्रिया जितनी कम होंगी, वेफ़र का काम उतनी ही जल्दी शुरू हो सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार इसी दृष्टिकोण से कार्य कर रही है। राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली लागू की गई है, जिससे केंद्र और राज्य दोनों से सभी स्वीकृतियां एक ही स्‍थान पर प्राप्त की जा सकेंगी।

उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, निवेशकों को लंबी कागजी प्रक्रिया से मुक्ति मिल गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश भर में प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल के तहत सेमीकंडक्टर पार्क विकसित किए जा रहे हैं, जो भूमि, बिजली आपूर्ति, बंदरगाह और हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी और कुशल श्रमिकों के एक समूह तक पहुंच जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि जब इस तरह के बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहनों के साथ जोड़ा जाता है, तो औद्योगिक विकास अवश्यंभावी है। चाहे पीएलआई प्रोत्साहनों के माध्यम से हो या डिज़ाइन लिंक्ड अनुदानों के माध्यम से, भारत शुरूआत से अंत तक क्षमताएं प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि निवेश का प्रवाह जारी है।

भारत बैकएंड ऑपरेशन से आगे बढ़कर एक पूर्ण-स्टेक सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर के दृष्टिकोण पर विचार व्‍यक्‍त करते हुए  मोदी ने दोहराया कि वह दिन दूर नहीं जब भारत की सबसे छोटी चिप दुनिया के सबसे बड़े बदलाव की आधारशिला रखेगी। उन्होंने कहा कि हमारी यात्रा देर से शुरू हुई, लेकिन अब हमें कोई नहीं रोक सकता। प्रधानमंत्री ने बताया कि सीजी पावर के पायलट प्लांट ने 28 अगस्त को, यानी सिर्फ़ 4-5 दिन पहले, परिचालन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि केनेस का पायलट प्लांट भी जल्द ही शुरू होने वाला है। माइक्रोन और टाटा के परीक्षण चिप पहले से ही उत्पादन में हैं। उन्होंने दोहराया कि इस वर्ष वाणिज्यिक चिप उत्पादन शुरू हो जाएगा, जो सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत की तेज़ प्रगति को दर्शाता है।

पीएम ने बताया कि नोएडा और बेंगलुरु में विकसित किए जा रहे डिज़ाइन केंद्र दुनिया के कुछ सबसे उन्नत चिप पर काम कर रहे हैं—जो अरबों ट्रांजिस्टर संग्रहीत करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि ये चिप 21वीं सदी की व्यापक तकनीकों को शक्ति प्रदान करेंगे।

उन्होंने सभी राज्यों से सेमीकंडक्टर इकोसिस्‍टम बनाने और अपने क्षेत्रों में निवेश के वातावरण को बढ़ाने के लिए एक-दूसरे के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में शामिल होने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब दुनिया कहेगी: भारत में डिजाइन, भारत में निर्मित, दुनिया द्वारा विश्वसनीय।

पीएम ने अपने संबोधन का समापन इस कामना के साथ किया कि भारत के प्रयासों का हर हिस्सा सफल हो, हर बाइट नवाचार से भरी हो, और यह यात्रा त्रुटि-मुक्त और उच्च-प्रदर्शन वाली बनी रहे।  (स्रोत-PIB)

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