रोहतक। रोहतक में पिछले 7 साल से सेक्टर वासी परेशान हैं क्योंकि सोनीपत रोड रजवाहे पर 3.5 किलोमीटर लंबी डलने वाली पाइपलाइन सात साल बाद भी ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। इस प्रोजेक्ट को लेकर चंडीगढ़ में चार बैठकें तक हो चुकी हैं, इसके बाद भी पाइपलाइन डलने का मामला सिरे नहीं चढ़ रहा है। इसमें कार्यदायी संस्था द्वारा किए गए 30 प्रतिशत कार्य का 55 लाख के करीब भुगतान भी हो चुका है। लेकिन 70 प्रतिशत कार्य अधूरा होने के कारण उसका खामियाजा सेक्टरवासियाें को भुगतना पड़ रहा है।
जेएलएन से 4 गुना कम नहरी पानी मानसरोवर पार्क के सामने स्थित प्रथम जलघर के टैंकों को मिल रहा है। पुराने शहर समेत लगभग डेढ़ लाख की आबादी नहरबंदी के दौरान जलसंकट से हर महीने जूझती है। यह जानते हुए भी जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से इस अधूरे प्रोजेक्ट को रामभरोसे छोड़ दिया गया। लेकिन, सेक्टर तीन निवासी उमेद सिंह खत्री की ओर से आरटीआई के तहत इस प्रोजेक्ट की जानकारी मांगे जाने के बाद पब्लिक हेल्थ के अधिकारियों की नींद खुली। तीन जुलाई को एसई आरके शर्मा ने एसडीओ, जेई समेत 8 अधिकारियों की जांच टीम बनाई और दो दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया। लेकिन अभी तक रिपोर्ट उनके टेबल तक नहीं पहुंंची है।
सोनीपत रोड के 3.5 किलोमीटर लंबे रजवाहे में 1.89 करोड़ रुपए से सीमेंट की पाइप लाइन बिछाने का प्रोजेक्ट 9 महीने में पूरा होना था। लेकिन इसका 30 प्रतिशत कार्य पूरा होने के बाद इसमें तकनीकि समस्याएं आने लगी। हुडा विभाग द्वारा भी इस काम को नहीं करने दिया। क्योंकि जलघर तक पानी पहुंचाने के लिए वैकल्पिक रास्ता भी जरूरी होना चाहिए। वैकल्पिक रास्ते के लिए जगह है नहीं अगर हुडा विभाग मंजूरी देता तो सोनीपत रोड पर बनी सड़क पर ही जलघर में पानी के लिए रास्ता बनाया जाता। इस प्रोजेक्ट में बीच में आ रही हुडा विभाग की सड़कें, दुकानें रुकावट बनीं हुई है।
रजवाहे के बीच में पड़े कुछ पाइप पानी को आगे जाने में रूकावट बने हुए हैं। लेकिन जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा उन पाइपों को साइड में न किए जाने के कारण सोनीपत रोड पर रजवाहे का पानी आ जाता है। जिससे जलभराव की स्थिति पैदा हो जाती है। बारिश के मौसम में समस्या और ज्यादा बन जाती है। पाइपों के कारण पानी आगे नहीं जा पाता, वहीं पानी सड़कों पर घूमता रहता है। जिसका खामियाजा सेक्टरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। पार्षद की शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।
जनस्वास्थ्य व अभियांत्रिकी विभाग अधीक्षण अभियंता आरके शर्मा ने कहा कि यह प्रोजेक्ट अभी ठंडे बस्ते में ही पड़ा हुआ है। इसमें पंपिंग हाउस से जेएलएन तक लोहे के बड़े पाइप ही लगने चाहिए। चंडीगढ़ में प्रोजेक्ट को लेकर बैठक तक हो चुकी है। लेकिन वैकल्पिक रास्ते को लेकर भी समस्या बनी हुई है।