Sunday, November 16, 2025
Homeदिल्लीविज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नवाचार सम्मेलन : PM Modi ने 1 लाख करोड़...

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नवाचार सम्मेलन : PM Modi ने 1 लाख करोड़ रुपए की अनुसंधान, विकास और नवाचार योजना का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन (ईएसटीआईसी)  में  देश में अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने 1 लाख करोड़ रुपए के अनुसंधान विकास एवं नवाचार (आरडीआई) योजना कोष का शुभारंभ किया।

सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद, नोबेल पुरस्कार विजेता सर आंद्रे गेम और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आईसीसी महिला विश्व कप में भारतीय क्रिकेट टीम की सफलता से पूरा देश उत्साहित है। पहली बार विश्व कप अपने नाम करने पर उन्होंने महिला क्रिकेट टीम को हार्दिक बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को उन पर गर्व है और विश्वास व्यक्त किया कि उनकी उपलब्धि देश भर के लाखों युवाओं को प्रेरित करेगी।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि कल भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की। उन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा भारत के सबसे भारी संचार उपग्रह के सफल प्रक्षेपण किया। इस मिशन में शामिल सभी वैज्ञानिकों और इसरो को हार्दिक बधाई दी।

मोदी ने कहा कि आज का दिन भी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में, वैश्विक विशेषज्ञों के एक मंच पर आकर उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पर विचार-विमर्श करके दिशा प्रदान करने की सख्त ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि इसी जरूरत ने एक विचार को जन्म दिया, जो इस कॉन्क्लेव के विजन में विकसित हुआ।

पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक व्यवस्था एक नए बदलाव का साक्षी बन रही है और परिवर्तन की गति रैखिक नहीं, बल्कि घातांकीय है। इसी दृष्टिकोण से, भारत उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से जुड़े विभिन्न पहलुओं को आगे बढ़ा रहा है और उन पर निरंतर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

पीएम ने कहा कि भारत एक आधुनिक नवाचार इकोसिस्टम बनाने के लिए काम कर रहा है और अनुसंधान सुगमता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सरकार ने वित्तीय नियमों और खरीद नीतियों में कई सुधार किए हैं। इसके अतिरिक्त, नियमों, प्रोत्साहनों और आपूर्ति श्रृंखलाओं में भी सुधार किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रोटोटाइप प्रयोगशाला से बाजार तक तेज़ी से पहुंच सकें।

मोदी ने कहा कि भारत को नवाचार केंद्र बनाने के लिए हाल के वर्षों में अपनाई गई नीतियों और निर्णयों के अब स्पष्ट परिणाम दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने गर्व के साथ इससे जुड़े प्रमुख आंकड़े भी साझा किए।

हाल के वर्षों में हरित हाइड्रोजन, क्वांटम कंप्यूटिंग, गहरे समुद्र में अनुसंधान और महत्वपूर्ण खनिजों सहित कई उभरते क्षेत्रों में देश की उल्लेखनीय प्रगति की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने इन सभी क्षेत्रों में एक आशाजनक उपस्थिति स्थापित की है।

मोदी ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम जहां चंद्रमा और मंगल तक पहुंच गया है, वहीं अंतरिक्ष विज्ञान अनुप्रयोगों के माध्यम से किसानों और मछुआरों को लाभ पहुंचाने के लिए भी इसका उपयोग किया गया है। उन्होंने इन उपलब्धियों के पीछे सभी हितधारकों के योगदान की सराहना की।

युवा शोधकर्ताओं के बीच प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप की सफलता का उल्लेख करते हुए मोदी ने घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में देश में अनुसंधान एवं विकास को और मजबूत करने के लिए 10,000 फेलोशिप प्रदान की जाएंगी।

प्रधानमंत्री ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी शक्ति को समझने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि वे नैतिक और समावेशी बने रहें। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उदाहरण देते हुए, खुदरा और लॉजिस्टिक्स से लेकर ग्राहक सेवा और बच्चों के होमवर्क तक, इसके व्यापक अनुप्रयोग का उल्लेख किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत एआई को समाज के हर वर्ग के लिए लाभकारी बनाने के लिए काम कर रहा है। भारत एआई मिशन के तहत, 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जा रहा है।

एआई शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा करेगा

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत नैतिक और मानव-केंद्रित एआई के लिए एक वैश्विक ढांचा तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी एआई गवर्नेंस ढांचा इस दिशा में एक बड़ा कदम होगा जिसका उद्देश्य नवाचार और सुरक्षा को एक साथ विकसित करना है। उन्होंने घोषणा की कि भारत फरवरी 2026 में वैश्विक एआई शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, जो समावेशी, नैतिक और मानव-केंद्रित एआई की दिशा में प्रयासों को गति देगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया से जुड़े सभी लोग, सामने आए प्रश्नों से आगे बढ़कर नई संभावनाओं की खोज करेंगे। उन्होंने विचारों वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया और अनुसंधान के वित्तपोषण तथा वैज्ञानिकों को अवसर प्रदान करने के लिए सरकार की पूर्ण प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन से एक सामूहिक रोडमैप तैयार होगा और भारत की नवाचार यात्रा को नई ऊंचाई मिलेगी। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए “जय विज्ञान, जय अनुसंधान” के सिद्धांत के साथ अपना वक्तव्य पूरा किया। (स्रोत- PIB)

 

RELATED NEWS

Most Popular