लखनऊ : यूपी में गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के संकल्प के तहत संचालित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय आज प्रदेश में शिक्षा के एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित हो रहे हैं।
2017 से पहले जहां मात्र 93 सर्वोदय विद्यालय संचालित थे, वहीं 2024-25 तक इनकी संख्या बढ़कर 120 हो गई है। इन विद्यालयों में से 100 वर्तमान में संचालित हैं, जिनमें 70 बालक विद्यालय और 30 बालिका विद्यालय शामिल हैं। इस योजना के तहत हर विद्यालय में 490 छात्रों की क्षमता निर्धारित की गई है, जिससे हजारों छात्रों को लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन और राष्ट्र निर्माण का सबसे प्रभावी माध्यम बताया है। उनके नेतृत्व में सरकार न केवल विद्यालयों की संख्या बढ़ा रही है, बल्कि उनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित कर रही है। यह योजना प्रदेश में गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें मुख्यधारा में लाने का सशक्त माध्यम बन रही है। सीएम ने प्रदेश में संचालित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय में और सुविधाएं बढ़ाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि प्रदेश भर में ये विद्यालय अपनी पूरी क्षमता के साथ संचालित किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को और बढ़ाएं। गरीब एवं वंचित छात्रों को बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इसमें अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति करते हुए प्रधानाचार्य और शिक्षकों का 15-15 दिवसीय ओरिएंटेशन कोर्स कराने का भी निर्देश दिया है। जिससे उनका इन विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के साथ बेहतर जुड़ाव हो सके और यह विद्यालय राष्ट्रीय प्रेरणा तथा सामाजिक सद्भावना को आगे बढ़ाने का उत्कृष्ट केंद्र बन सके। सीएम योगी का मानना है कि
छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए नवीनतम तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध
बता दें कि सीएम योगी की मंशानुरूप इन विद्यालयों को आधुनिक और प्रतिस्पर्धी शिक्षा प्रणाली से जोड़ा गया है। वर्तमान में 43 विद्यालय सीबीएसई बोर्ड से और 57 विद्यालय यूपी बोर्ड से संबद्ध हैं। योगी सरकार ने इन विद्यालयों को न केवल पठन-पाठन के बेहतर साधनों से सुसज्जित किया है, बल्कि छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए नवीनतम तकनीकी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई हैं। स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, डिजिटल शिक्षा सामग्री और उच्चस्तरीय पुस्तकालय जैसी सुविधाओं ने इन विद्यालयों को शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्रों में तब्दील कर दिया है।
निःशुल्क शिक्षा के साथ छात्रों को मिल रही है आवासीय सुविधा
प्रदेश सरकार ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को ध्यान में रखते हुए इन विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा, आवासीय सुविधा, छात्रावास, यूनिफॉर्म, पाठ्य-पुस्तकें, स्टेशनरी, दैनिक उपयोग की सामग्री, भोजन और नाश्ता की व्यवस्था की है। इसके तहत अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 60% आरक्षण, पिछड़ा वर्ग के लिए 25% और सामान्य वर्ग के लिए 15% सीटें आरक्षित की गई हैं। इस योजना से उन परिवारों को सीधा लाभ मिल रहा है, जिनकी वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में ₹46,080 और शहरी क्षेत्रों में ₹56,460 तक सीमित है। प्रदेश सरकार इस योजना के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय संसाधन आवंटित कर रही है। 2024-25 के लिए 363.91 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है, जिसमें से 242.39 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की गई है। वर्तमान में इस योजना से 32,538 छात्र लाभान्वित हो रहे हैं, जो राज्य सरकार की शिक्षा सुधार नीति की सफलता को दर्शाता है।