Friday, November 15, 2024
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रोहतक के गांवों में बिजली की आँख मिचौली, अघोषित कटों ने म्हारा गांव जगमग गांव योजना का किया बंटाधार

ग्रामीण इलाकों में 24 की बजाय 10 से 14 घंटे ही हो रही बिजली की सप्लाई, अनियमित बिजली कटौती और लो बोल्टेज बिजली से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

रोहतक। रोहतक के शहरी लोग तो बिजली कटौती से परेशान हैं ही वहीँ ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आँख मिचौली से ग्रामीण परेशान है। रोहतक के कई गांव शहर में शामिल हो गए और म्हारा गांव जगमग गांव योजना में भी जोड़ दिए गए, लेकिन जिले के इन गांवों के हालात नहीं बदले। नए पावर हाउस का निर्माण आगे नहीं बढ़ा और फिलहाल चल रहे फीडर ओवरलोड होने के कारण अक्सर कट लगाकर खानापूर्ति की जा रही है।

हरियाणा सरकार ने ‘म्हारा गांव जगमग गांव योजना’ के तहत 24 घंटे बिजली देने का वायदा किया था वहां अब मात्र 10 से 14 घंटे ही बिजली सप्लाई हो रही है। वर्ष 2010 में गढ़ी बोहर, बोहर, बोहर माजरा, बलियाणा, सुनारिया कलां, सुनारिया खुर्द, पहरावर, खेड़ी साध को शहरी क्षेत्र में शामिल कर लिया गया। इसके बाद बिजली निगम ने इन गांवों को म्हारा गांव जगमग गांव योजना में भी शामिल कर लिया। इसके बावजूद इन 8 गांवों में बिजली के हालात नहीं सुधरे नहीं हैं।

अनियमित बिजली कटौती और लो बोल्टेज बिजली से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भीषण उमस भरी गर्मी में दिन की कटौती के अलावा रात को भी की जा रही अघोषित कटौती से उपभोक्ता परेशान हैं। कटौती को लेकर बिजली विभाग के अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। उमस भरी गर्मी में बिजली कटौती ने लोगों की नींद उड़ा दी है।

सप्ताह में एक या दो दिन अधिकतम सप्लाई भी 18 घंटे पहुंचती है। जिससे गर्मी में लोगों हलकान हैं। क्यों​कि इन गांवों में बि​जली निगम अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों के फीडर से ही सप्लाई कर रहा है। जबकि इन्हें शहरी क्षेत्र के फीडरों से जोड़ा जाना था। ग्रामीण क्षेत्र में सप्लाई वाले फीडरों पर अधिक लोड के कारण लगातार कट लगाए जाते हैं। सुनारिया का 11 केवी फीडर फि​लहाल 220 एम्पियर के लोड पर चल रहा है। एसई मनिंदर सिंह कादयान ने कहा कि नए पावर हाउस बनाने के लिए प्रक्रिया चल रही है। उपभोक्ताओं को बेहतर सप्लाई देने का पूरा ​प्रयास रहता है।

ग्रामीणों का कहना है कि अलसुबह 6 बजे ही बिजली काट दी जाती है। कई बार तो दोपहर के बाद बिजली मिलती है। इससे न तो समय पर पेयजल की सप्लाई हो रही है और न ही घरेलू कामकाज समय पर हो पा रहे हैं। उधर उमस भरी गर्मी से बेहाल होना पड़ रहा है सो अलग। मच्छरों के चलते गांव में मलेरिया-डेंगू के मरीज भी सामने आ रहे हैं।

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