रोहतक। रोहतक की कोई कालोनी या मोहल्ला ऐसा नहीं है जो गंदगी, सीवर ओवरफ्लो, टूटी गलियों और सड़कों से परेशान न हो। लेकिन पता नहीं कैसे, फिर भी स्वच्छता के मामले पर रोहतक एक बार फिर पैमाने पर खरा उतरा है। 9500 अंकों की परीक्षा हमारे शहर ने पास कर ली है। रोहतक को अवार्ड के लिए चुना गया है और 11 जनवरी को यह अवार्ड दिल्ली में दिया जाएगा। पूरे प्रदेश में रोहतक और गोहाना को ही स्वच्छता सर्वेक्षण- 2023 में अवार्ड के लिए चुना गया है।
रोहतक की रैकिंग क्या है अभी इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई है। 2022 में रोहतक को देश में 38वीं रैकिंग मिली उम्मीद है कि इस बार रोहतक फिर रिकॉर्ड तोड़ेगा। रोहतक 3 स्टार शहर घोषित हो चुका है। 2023 में नगर निगम फाइव स्टार के लिए भी प्रयास में था। इसक अलावा हमारा शहर ओडीएफ प्लस, प्लस सर्टिफाइड भी है। रोहतक का नाम अवार्ड लिस्ट में आने के बाद नगर निगम के अधिकारी गदगद हैं। भारत मंडपम में इसके लिए समारोह किया जाएगा और नगर निगम के कमीश्नर जितेंद्र दहिया और एग्ज्यूकेटिव इंजीनियर मंदीप धनखड़ को अवार्ड लेने के लिए पत्र लिखा गया है। बता दें कि 2022 में स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में गुरुग्राम को 19वा, फरीदाबाद को 36वा रेक मिला था।
आसान नहीं था अवार्ड
स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 अंक की परीक्षा हुई थी। इसके लिए नए नियम भी बनाए गए थे। जिसमें सर्विस लेवल प्रोग्रेस के लिए 4525 अंक, सिटीजन वाइस के लिए 2475 अंक व सर्टिफिकेशन के लिए 2500 अंक थे। इस तरह कुल अंक 9500 के लिए रोहतक रैंकिंग की दौड़ में था। पहले स्वच्छता के लिए 7500 अंक निर्धारित किए गए थे। 2023 में इसे बढ़ा दिया गया था। रैंकिंग तय करने के लिए कई पैरामीटर इस्तेमाल किए गए हैं। पैरामीटर के आधार पर तय किया जाता है कि, घर-घर कूड़ा इकठ्ठा करने से लेकर प्लास्टिक वाले कचरे का मैनेजमेंट होता है। इतना ही नहीं वेस्ट टू वंडर पार्क का नया पैरामीटर भी इस बार जोड़ा गया था। जो भी शहर इस पैरामीटर को पूरा करेगा उसे अंकों में 2 प्रतिशत वेटेज दिया जाना था।
फीडबैक पैरामीटर पर खरा उतरा
इसके अलावा कूड़े का कितना और क्या उपयोग किया जा रहा है, इस पर 40 प्रतिशत वेटेज मिली थी। सर्टिफिकेशन के पैमाने पर नगर निगम या यूं कहें कि शहर को खराब उतरना था। इसमें शौचालयों की स्थिति देखी जानी थी। रोहतक को पहले ही ओडीएफ प्लस-प्लस का – सर्टिफिकेट मिला हुआ। 2022 में इस पैरामीटर के 600 अंक मिले थे, जबकि इस बार 725 अंक मिलने थे। बताया जा रहा है कि इसके लिए स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम ने शहर के लोगों से भी फीडबैक लिया था। टीम संतुष्ट हुई और फीडबैक पैरामीटर पर खरा उतरा है तो वार्ड रैंकिग में 320 अंक मिजने थे। इसमें यह भी पता किया गया कि वाडों में गीला कूड़ा व सूखा कूड़ा अलग किया जा रहा है या नहीं। कूड़ा निस्तारण के लिए 150 अंक मिलने थे। स्वच्छ हरियाणा एप और एप के फीडबैक पर 550 अंक मिलने थे।
इस बार पहले से बेहतर रैकिंग की उम्मीद
नगर निगम ज्वाइंट कमीश्नर विजय सिंह ने कहा कि स्वच्छता 6 सर्वेक्षण- 2023 का रिजल्ट आ चुका है। नगर निगम रोहतक को चुना गया अवार्ड के लिए। 11 जनवरी को अवार्ड दिया जाएगा। पहले से बेहतर रैंकिंग की उम्मीद है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में रोहतक देश में 38वी रैंकिंग पर था। नगर निगम कर्मचारियों, अधिकारियों और जनता की मेहनत का नतीजा है कि रोहतक को अवार्ड के लिए चुना गया है।
स्वच्छता पर जमीनी सच्चाई बिलकुल अलग
भले ही निगम अधिकारी शहर को स्वच्छता में नंबर वन बता कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ अलग ही है। रेलवे एलिवेटेड की वजह से डबल फाटक के पास बनाया गया अंडरपास लोगो की आवाजाही के लिए बनाया गया था लेकिन इस समय वह गंदे नाले का रूप ले चुका है। लेकिन आसपास की कलोनी वाले मजबूर है इस बदबूदार नाले को पार करने के लिए। दुपहिया वाहन पर जा रहे लोग हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में इस गंदे पानी में गिरकर चोटिल हो रहे हैं।
वहीँ कच्चा बेरी रोड के दुकानदार हो या फिर माल गोदाम रोड के दुकानदार और स्थनीय निवासी, सड़को पर बह रहे गोबर और सीवर ब्लॉकेज का रोना रोते नजर आते हैं। पुराने शहर का कोई इलाका ऐसा नहीं जहां सीवर ब्लॉकेज की वजह से लोग परेशान न हो। टीबी अस्पताल के पास तो अक्सर गन्दा नाला सड़को की शोभा बढ़ा रहा होता है। ऐसे में पता नहीं शहर के कौन से हिस्से से सर्वेक्षण करवाया जाता है जो साफ़ नजर आता है।