रोहतक : जीद रोड स्थित सत्यप्रिया कॉलेज में शुक्रवार को आचार्य ज्ञानेश्वर आर्य की आठवीं पुण्यतिथि श्रद्धा, भावना और वैदिक संस्कृति के गौरव के साथ मनाई गई। देशभर से आए अनेक विद्वानों, हरियाणा के विभिन्न गुरुकुलों के ब्रह्मचारियों तथा शहर के गणमान्य नागरिकों ने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
गांधीधाम (कच्छ, गुजरात) से पधारे चंद्रेश ने आचार्य जी के व्यक्तित्व एवं योग-प्रशिक्षण के क्षेत्र में दिए गए उनके अमूल्य योगदान को स्मरण करते हुए हृदयस्पर्शी भाव व्यक्त किए।
मुंबई से आए आचार्य अरुण कुमार आर्य वीर ने अपने संबोधन में बताया कि किस प्रकार उन्हें आचार्य ज्ञानेश्वर जी से प्रेरणा मिली और उसी प्रेरणा से देशभर में योग एवं यज्ञ-प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन प्रारम्भ किए।
सिंहपुरा स्थित गुरुकुल से जुड़े शंभु मित्र ने आचार्य जी द्वारा जीवनभर चलाए गए निःशुल्क पुस्तक वितरण अभियान को विशेष रूप से रेखांकित किया।

आर्य वीर दल के प्रधान एवं गुरुकुल लाढ़ौत के आचार्य नंद किशोर ने आचार्य जी के ओजस्वी, सरल, आकर्षक एवं प्रेरणादायी व्यक्तित्व पर अपने संस्मरण सांझा किए, जिन्हें उपस्थित जनसमूह ने भावुक होकर सुना।
कार्यक्रम का संयमित एवं सशक्त संचालन सोनीपत से आए आचार्य संदीप जी ने किया। उन्होंने आचार्य के जीवन, कार्य एवं तपस्वी साधना की अनेक झलकियाँ उपस्थित जनों के सम्मुख प्रस्तुत कीं।
श्रीमती सीमा ने आचार्य जी के साथ की गई विदेश यात्राओं और वहाँ बिताए गए अविस्मरणीय क्षणों को याद करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
सत्यप्रिया कॉलेज के चेयरमैन मुकेश आर्य ने भी आचार्य जी के साथ हुई अनेक अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के संस्मरण साझा किए तथा संकल्प लिया कि “प्रति वर्ष आचार्य ज्ञानेश्वर जी की पुण्यतिथि पर योग-प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी आगंतुकों ने आभार प्रदर्शन तथा शांति पाठ में सहभागी होकर वैदिक परंपरा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।

