Somvati Amavasya 2024 : रोहतक जिले में सोमवार को सोमवती अमावस्या श्रद्धा के साथ मनाई गई। श्रद्धालुओं ने मंदिरों और घरों में परिवार की सुख, समृद्धि के लिए पूजा अर्चना कर जरूरतमंदों को दान किया। कई जगह भंडारे का आयोजन हुआ।
वहीं रोहतक माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में ब्रह्मलीन गुरुमां साध्वी गायत्री के सानिध्य में सोमवार पौष मास कृष्ण पक्ष की तिथि को सोमवार अमावस्या पर हवन, कीर्तन और सत्संग का आयोजन हुआ। गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी और भक्तों ने हवन में आहूति की सामग्री डालकर व पूजा अर्चना करके सुख समृद्धि की मंगल कामनाएं की। पंडित अशोक शर्मा ने प्रसाद वितरित किया ।
अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान-दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति संभव : साध्वी मानेश्वरी देवी
साध्वी मानेश्वरी देवी ने सत्संग में बताया कि हिंदू धर्म में अमावस्या का खास महत्व है। खासतौर से जब अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ती है तो उसका महत्व और बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान-दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अमावस्या के दिन पितरों की श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। इस दिन महादेव की पूजा करने से मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि अमावस्या के दिन सूर्य और चंद्रमा की विशेष स्थिति होती है, जो ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित करती है। जिससे इस दिन किए गए उपायों और पूजा-पाठ का फल कई गुना बढ़ जाता है।
हवन से वातावरण शुद्ध होता है : साध्वी मानेश्वरी देवी
साध्वी मानेश्वरी देवी ने सोमवार को सत्संग करते हुए बताया कि हवन कराने से आसपास मौजूद नाकारत्मक ऊर्जा समाप्त होती है। साथ ही वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। हवन से जो धुंआ निकलता है उससे वातावरण शुद्ध होता है। वहीं हवन में प्रयोग की जाने वाली सामग्री जैसे कपूर, लौंग, आम की लकड़ी, घी, अक्षत, गोबर के कंडे आदि से हानिकारक जीवाणु नष्ट होते हैं। प्राचीन काल में तो रोगी को स्वस्थ करने के लिए भी हवन किया जाता था।