Rohtak News : उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा है कि लिंगानुपात में सुधार करना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। सचिन गुप्ता आज गांव हसनगढ़ में सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत गांव समचाना को बेस्ट विलेज अवार्ड मिलने पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। लिंगानुपात सुधारने में गांव समचाना को बेस्ट विलेज अवार्ड दिया गया है। जनवरी 2024 से लेकर दिसंबर 2024 तक समचाना गांव में 1000 लडक़ों के मुकाबले 1564 बेटियों ने जन्म लिया है।
योजना के तहत उपायुक्त सचिन गुप्ता ने गांव समचाना की दसवीं कक्षा में उच्च स्थान प्राप्त करने वाली तीन बेटियों कोमल, भावना व नेहा को क्रमश: 75 हजार, 45 हजार तथा 30 हजार रुपए की राशि का पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इसके साथ-साथ एसएमओ रीटा गोयल, चिकित्सा अधिकारी डॉ. विशाल, सीडीपीओ डिंपल, गांव के सरपंच व स्कूल के प्राचार्य को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा से ही बेटी बचाओ-बेटी पढाओ का आह्वान किया था। यह कार्यक्रम न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश में प्रभावी तरीके से चलाया जा रहा है।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि कम लिंगानुपात वाले गांवों पर प्रशासन की पारखी नजर है और प्रशासन हर पहलू पर पूरा फोकस रखते हुए भ्रूण लिंग जांच करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाने के लिए सतर्क हैं। जिले में लिंगानुपात सुधार के लिए सभी अधिकारियों को नैतिकता के आधार पर अपना दायित्व निर्वहन करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने ग्रामीणों का आह्वान करते हुए कहा कि वे मानवीय मूल्यों के आधार पर कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध में शामिल होने वालों की सूचना प्रशासन तक पहुंचाएं ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उपायुक्त ने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी गांव समचाना लिंगानुपात में सुधार को बनाए रखेगा और अन्य गांव भी समचाना से प्रेरणा लेंगे। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंद्र ने योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। ग्रामीणों से लिंगानुपात सुधार के कार्यक्रम में सहयोग देने की भी अपील की। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
ये है बेस्ट विलेज अवार्ड योजना
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने बेस्ट विलेज अवार्ड स्कीम शुरू की हुई है। इस योजना में उस गांव का चयन किया जाता है, जिसका लिंगानुपात सबसे ज्यादा होता है। ये योजना उन गांवों पर लागू होती है, जिनकी जनसंख्या पांच हजार से ज्यादा होती है। चयनित गांव की तीन लड़कियां जिनका दसवीं कक्षा में सबसे ज्यादा अंक होते है उसे मेरिट आधार पर प्रथम को 75 हजार रुपये, द्वितीय को 45 हजार रुपये और तृतीय स्थान पर रहने वाली छात्रा को 30 हजार रुपये की राशि दी जाती है।

