गरिमा टाइम्स न्यूज.रोहतक कच्चा बेरी रोड पर नाला शिफ्टिंग का कार्य निगम के लिए मुसीबत बना हुआ है। जिसके चलते सड़क का चौड़ीकरण भी नहीं हो रहा है।
दोनों विभाग एक दूसरे पर पहले काम करवाने के लिए उतारू है। लेकिन दोनों में से कोई भी विभाग कार्य की शुरुआत नहीं कर रहा है। चार दशक में प्रदेश की सत्ता बदलती रही, लेकिन हालात नहीं। 20 साल बाद भी पहले की तरह शहर में चल रहीं डेयरियां सीवर जाम की अहम वजह बनी हुई हैं। माल गोदाम रोड व कच्चा बेरी रोड पर अक्सर दुकानदार व राहगीर सीवर ओवरफ्लो होने से परेशान रहते हैं।
साल 2004 में तत्कालीन चौटाला सरकार ने कन्हेली रोड पर करोड़ों रुपये की लागत से डेयरी कॉम्प्लेक्स बनाया था। यहां 300 से ज्यादा प्लाॅट काटे गए। डेढ़ दशक बाद भी पूरे प्लाॅट अलॉट नहीं हो पाए हैं। वजह, भूमिगत जल खारा और नगर निगम की ओर से पेयजल व सीवरेज व्यवस्था नहीं दिया जाना है। इस कारण करीब 150 डेयरी संचालक यहां शिफ्ट हुए। शेष अभी भी पहले की तरह शहर में ही बसे हैं। सबसे ज्यादा डेयरियां दुर्गा भवन मंदिर के पीछे, माल गोदाम रोड व कच्चा बेरी रोड के पीछे हैं। डेयरियों से निकलने वाले गोबर से अक्सर सीवर जाम रहते हैं। कई बार माल गोदाम रोड पर दुकानदार जाम लगा चुके हैं।
नालियां रहती है जाम
डेयरी मोहल्ला के दुकानदार सलमान ने कहा, नालियां पूरी तरह जाम हैं। इन्हें कई बार साफ भी कराया। इसके बावजूद दूषित पानी की निकासी नहीं होती है। नालियां जाम होने से पानी सड़क पर बहता रहता है। पिछले दो साल से यही हाल है। डेयरियों की वजह से सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
सफाई व्यवस्था का बुरा हाल
डेयरी मोहल्ला निवासी अमरजीत का कहना है कि सफाई व्यवस्था का इलाके में बुरा हाल है। सीवर व नालियां जाम हैं। इनमें डेयरियों से निकलने वाला गोबर व तूड़ा भरा रहता है। इनकी सफाई करने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। इस बारे में निगम प्रशासन भी कुछ नहीं कर रहा है। नेता भी अपना वोट बैंक नहीं छेड़ना चाहते हैं। इसलिए इस मामले में चुप्पी साधे हैं।
सीवर व्यवस्था खस्ता हाल
डेयरी मोहल्ला के ही रहने वाले दीपक ने कहा, यहां की सीवर व्यवस्था खस्ता हाल है। पशुओं का गोबर भरने से सीवर जाम पड़े हैं। यही हाल नालियाें का है। इस कारण यहां गंदगी का आलम रहता है। किसी तरह सफाई हो भी जाती है तो अगले दिन फिर वहीं स्थिति बन जाती है। डेयरियों से गोबर सीवर में बहा दिया जाता है। इस कारण दिक्कत बनी हुई है।