रोहतक । गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा है कि यूरिया और कीटनाशकों से धरती बंजर हो चुकी है। धरती के पोषक तत्व नष्ट हो चुके हैं और खान-पान जहरीला हो चुका है। इसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमें जल जंगल और जमीन बचाने के लिए प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि स्वस्थ रहने का एकमात्र उपाय प्राकृतिक फल, फूल सब्जियों का सेवन है। एलपीएस बोसार्ड द्वारा आयोजित संगोष्ठी पर्यावरण और स्वास्थ्य स्वस्थ चिरायु का आधार प्राकृतिक आहार पर दिल्ली रोड खरावड़ बाईपास स्थित एलपीएस बोसार्ड में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। एलपीएस बौसार्ड की डायरी का विमोचन राज्यपाल द्वारा किया गया।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि खानपान जहरीला होने के कारण आज मात्र 10 वर्ष के बच्चे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। आज खाने की कोई ऐसी चीज नहीं है जिसमें जहर ना हो। अंधाधुंध रसायनिकों के प्रयोग से जमीन को जहरीला बना दिया है, यहां तक कि हम जो गेहूं खा रहे हैं उसमें 45 प्रतिशत तो पोषक तत्व बचे ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती जमीन और पर्यावरण को बचाने की है। पर्यावरण को बचाना एक तरह से आने वाली पीढ़ियों को नया जीवन देना है।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उदाहरण देते हुए बताया कि जंगल के पेड़ों में न तो कोई यूरिया डालता है, न ही कीटनाशक डालता है और ना कोई डीएपी डालता, है ना कोई गोबर की खाद डालता है , जबकि जंगल का पेड़ समय पर फल देता है और जंगल के फल में सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। एक-एक वनस्पति में सभी तत्व विद्यमान होते हैं, उन्होंने कहा कि यदि ऐसा जंगल के पेड़ों में हो सकता है तो हमारे खेत में क्यों नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि रासायनिक पदार्थों के प्रयोग से न केवल जमीन जहरीली हो रही है जबकि बल्कि पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, इसका सीधा असर ग्लोबल वार्मिंग है। आज यूरोप जैसे ठंड देश में अत्यधिक गर्मी पड़ रही है। केरल जैसे राज्य में बाढ़ आ रही है।
उन्होंने कहा कि किसी समय हम हर मामले में आत्मनिर्भर थे और भारत सोने की चिडिय़ा कहलाता था। उस समय भले ही हमारे पास अन्न के इतने भंडार नहीं थे, लेकिन हमारा खानपान बड़ा पौष्टिक और शुद्ध था। आज फिर हमें उसी जहरमुक्त भोजन की जरूरत है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद उद्योगपतियों और समाज सेवियों से आह्वान किया कि वे प्राकृतिक खेती को अपनाएं और अन्य लोगों को भी जहर मुक्त खेती अपनाने के बारे में जागरूक करें, यह समाज के लिए सबसे बड़ी दिन होगी। उन्होंने कहा कि जैसा हम अन्न खाते हैं वैसा ही हमारा मन होता है। उनका प्रयास है कि रोहतक को बंगलौर बनाया जाए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आदित्य बत्रा ने कहा कि हमें अपने खान-पान के बारे में जागरूक होना होगा। खानपान का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है जैसा हम अन्न खाते हैं वैसा ही हमारा मन होता है। एलपीएस बोलार्ड के एमडी राजेश जैन ने कहा कि उन्होंने रोहतक शहर को हरा बना बनाने के लिए एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया किया था जिसमें से 50 हजार पौधे लगा दिए गए हैं। राजेश जैन के द्वारा मुख्यातिथि को फूलो के बुके, शाल व समृति चिन्हे देकर सम्मानित किया और एल.पी.एस. बौसार्ड मै पधारने के लिए आभार वयकत किया।
संगोष्ठी में पूर्व मेयर मनमोहन गोयल, एम.डी.यू. के वी.सी. प्रो. राजबीर सिंह, समाज सेवी उद्योगपति विजय जैन, रामलीला उत्सव कमेटी के प्रधान सुभाष तायल व गोष्ठी के मुख्य वक्ता हृदय रोग विशेषज्ञ डा. आदित्य बत्तरा ने अपने अपने विचार रखे और सभी को विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर एल.पी.एस. बौसार्ड के कर्मचारियों को भी प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। मंच का संचालन सतीश भारद्वाज व राजीव जैन ने किया।