Tuesday, September 23, 2025
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पराली जलाने से रोकने के लिए रोहतक जिला प्रशासन ने कसी कमर, जिला स्तरीय समिति गठित

रोहतक  : उपायुक्त सचिन गुप्ता ने पराली जलाने की रोकथाम हेतु जिला स्तरीय योजना एवं निगरानी समिति के गठन के आदेश दिए हैं। अतिरिक्त उपायुक्त-सह-जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इस समिति की अध्यक्षता करेंगे, जो रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु व्यापक उपाय तैयार कर उन्हें लागू करेगी।

यह समिति कृषि, पंचायती राज, पुलिस, उद्योग और सीएसआर भागीदारों के साथ समन्वय स्थापित कर हैप्पी सीडर, सुपर एसएमएस, बेलर, मल्चर और अन्य मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। यह पंचायत/सामुदायिक भूमि में भंडारण स्थलों की पहचान भी करेगी और पराली के औद्योगिक उपयोग की निगरानी भी करेगी। साप्ताहिक समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएगी और अनुपालना रिपोर्ट उपायुक्त और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को प्रस्तुत की जाएँगी।

उपमंडल स्तर पर, एसडीएम के अधीन समितियां भी गठित की गई हैं, जो कटाई और अवशेष प्रबंधन की निगरानी करेंगी। ग्राम सभाएं आयोजित करेगी और पराली जलाने के विरुद्ध शपथ दिलाएँगी। पुलिस और कृषि कर्मचारी देर शाम तक हॉटस्पॉट गाँवों में गश्त करेंगे। पुलिस, राजस्व, कृषि और पंचायत अधिकारियों से युक्त एक पराली सुरक्षा बल आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करवाएगा। किसान एसडीएम द्वारा जारी व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर घटनाओं की सूचना दे सकते हैं।

किसानों की आय के लिए पराली का प्रभावी उपयोग

उपायुक्त ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पराली को अपशिष्ट नहीं, बल्कि एक मूल्यवान संसाधन माना जाना चाहिए। जिला समिति पराली को आय-उत्पादक उत्पादों में बदलने के लिए किसानों, उद्योगों, सीएसआर भागीदारों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को जोडक़र विभिन्न हितधारकों के सहयोग को प्रोत्साहित करेगी। इसमें पार्टिकल बोर्ड, पैकेजिंग सामग्री, बायोडिग्रेडेबल वस्तुओं, पेलेट्स, थर्मल पावर प्लांट और ईंट भट्टों के लिए ब्रिकेट और मृदा स्वास्थ्य सुधार के लिए बायोचार की इकाइयों की स्थापना शामिल है। किसानों को चारे के रूप में पराली की आपूर्ति के लिए डेयरियों, गौशालाओं और चारा मिलों से भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल न केवल पराली जलाने पर रोक लगाएगी, बल्कि ग्रामीण आय में भी वृद्धि करेगी और स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा करेगी।

डीसी ने ग्राम स्तर पर जागरूकता अभियान, मक्का, दालों और बाजरा की ओर फसल विविधीकरण, और पार्टिकल बोर्ड, पैकेजिंग, कागज, सैनिटरी नैपकिन और बायोडिग्रेडेबल उत्पादों में पराली के औद्योगिक उपयोग के भी निर्देश दिए। उपग्रहों से प्राप्त दैनिक अग्नि डेटा का एसडीएम द्वारा सत्यापन किया जाएगा और एडीसी को रिपोर्ट किया जाएगा, जो डीसी को एक एकीकृत मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

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